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Thursday, February 17, 2011

मुश्किल दौर से उबरा भोजपुरी सिनेमा

18 फरवरी 1961 को भोजपुरी सिनेमा की नींव पड़ी थी। इस वर्ष भोजपुरी सिनेमा अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। इन पचास वर्षो में भोजपुरी सिनेमा ने कई उतार-चढ़ाव देखे है। आज स्थिती बदल चुकी है। भोजपुरी सिनेमा अब अपने मुश्किल दौर से गुजर चुका है। यह बातें भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार रवि किशन ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ से खास बातचीत में कही। भोजपुरी सिनेमा के पचास वर्ष पूरी होने की खुशी रवि किशन के चेहरे पर साफ दिख रही थी। उन्होंने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद को मैं शत-शत नमन करना चाहूंगा। बाबू राजेन्द्र प्रसाद ने ही सबसे पहले भोजपुरी भाषा में फिल्म बने, ऐसी मंशा नजीर हुसैन साहब के सामने जाहिर की। रवि किशन ने कहा कि नजीर हुसैन, विनाथ शाहाबादी, रामायण तिवारी, भगवना सिन्हा, लीला मिश्रा, कुंदन कुमार, असिम कुमार, कुमकुम, चित्रगुप्त, मोहन प्रसाद और सुजीत कुमार का भोजपुरी सिनेमा के प्रति यह समर्पण रहा कि आज लाखों लोग भोजपुरी फिल्मों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। रवि किशन ने कहा कि पहले और आज की भोजपुरी फिल्मों में काफी बदलाव आया है। बदलाव में मुख्य रूप से तकनीक और अभिनय पक्ष है। आज बड़ी-बड़ी कम्पनियां इस क्षेत्र में कदम रख चुकी है। भोजपुरी फिल्मों का दायरा काफी बढ़ गया है। फिल्मों का बाजार उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को लांघ कर पूरे देश में फैल गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही विदेश में भी नियमित रूप से भोजपुरी फिल्म जगत का सामना होगा। मैं खुद इस दिशा में प्रयासरत हूं। बालीवुड के बड़े नाम भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके है और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा कि मेरी फिल्म ‘कब होई गवना हमार’

को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। जबकि ‘जरा देब दुनिया प्यार में’ का कांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया है। यह भोजपुरी फिल्म जगत की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने कहा कि आज भोजपुरी फिल्मों को समाज के हर तबके द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। भोजपुरी फिल्मों से महिलाओं की बढ़ती दूरी का कारण रवि किशन छोटे पर्दे को मानते है। उन्होंने कहा कि टीवी की वजह से महिलाओं की संख्या में कमी आई है खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में यह देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके कई फिल्में ऐसी है जिसे बड़ी संख्या में महिलाओं ने देखा और सराहा है। डा.चन्द्रप्रकाश द्विवेदी की ‘मोहल्ला अस्सी’ में टन्नी गुरु की भूमिका निभा रहे रवि किशन ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी बदौलत आज भोजपुरी फिल्म की कायनात कायम है। बॉलीवुड को चुनौती देती भोजपुरी सिनेमा जगत की असली ताकत उसके लाखों -करोड़ों प्रशंसक है(शशि श्रीवास्तव,राष्ट्रीयसहारा,वाराणसी,17.2.11)।

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