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Saturday, December 19, 2009

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(साभारःहिंदुस्तान,पटना,21 दिसम्बर,2009)




मूवीः अवतार
कलाकार : सैम वर्थटिंगन , साल्दना
निर्माता : 20 सेंचुरी फॉक्स स्टार
डायरेक्टर : जेम्स कैमरॉन
सेंसर सर्टिफिकेट : यू / ए
अवधि : 161 मिनट
हमारी रेटिंग :
लगता है , इस साल के आखिर में बॉक्स ऑफिस पर बॉलिवुड फिल्मों के मुकाबले हॉलिवुड फिल्में कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं। हॉलिवुड मूवी 2012 पर नोटों की बारिश के बाद अब दुनिया की सबसे महंगी फिल्म ' अवतार ' को पहले ही दिन सिंगल स्क्रीन और मल्टिप्लेक्स थिएटरों पर 80 से 90 फीसदी की जबर्दस्त ओपनिंग मिली है। इस फिल्म पर तकरीबन 2000 करोड़ रुपये की लागत आई है।

टाइटैनिक , एलियंस और टर्मिनेटर जैसी सुपरहिट फिल्में बना चुके हॉलिवुड के नामी डायरेक्टर जेम्स कैमरॉन की इस फिल्म को रेकॉर्ड बजट और अद्भुत तकनीक की वजह से मीडिया में जबर्दस्त पब्लिसिटी मिली। इस फिल्म को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा तमिल और तेलुगू में भी रिलीज किया गया है। शायद यही वजह है कि दर्शकों में फिल्म की कहानी से ज्यादा चर्चा इसकी 3 डी टेक्नॉलजी और दो हजार करोड़ रुपये के बजट को लेकर है। इससे पहले भी हॉलिवुड की कई फिल्में पर दिल खोलकर खर्च किया गया है। करीब 12 साल पहले रिलीज हुई टाइटैनिक पर जेम्स ने करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च किए थे और पायरेट्स ऑफ कैरेबियन की निर्माता कंपनी ने भी फिल्म की रिलीज से पहले इस फिल्म पर लगभग 1400 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया था। दरअसल , अवतार में 3 डी इफेक्ट की वजह से बजट कई गुना बढ़ गया।

फिल्म के क्लाइमैक्स में अंतरिक्ष के वॉर सींस पर भी निर्माता ने दिल खोलकर खर्च किया। चर्चा है कि जेम्स को इस फिल्म के मोटे बजट के लिए कुछ ज्यादा ही इंतजार करना पड़ा और जब 20 सेंचुरी फॉक्स स्टार ने इस कहानी पर फिल्म बनाने की डील की तो जेम्स को साफ कर दिया कि उन्हें फिल्म 1000 करोड़ के बजट में ही समेटनी होगी। जेम्स इस फिल्म को बनाने में जरा भी कंजूसी बरतने के मूड में नहीं थे। इसी वजह से उन्होंने निर्माता कंपनी से मिला पूरा बजट फिल्म बनाने में लगाया और शूटिंग के आखिरी शेडयूल में पैसे की तंगी आई तो अपने दम पर इंतजाम किया। इस फिल्म में पहली बार न्यू वर्चुअल फोटोरियलिस्टिक तकनीक का प्रयोग हुआ और जेम्स ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर 3 डी तकनीक का स्पेशल कैमरा बनाया और इसी कैमरे से फिल्म शूट की।

जेम्स ने फिल्म में ऐसे कई किरदारों को पेश किया है जिनका अपना कोई वजूद नहीं है। जेम्स ने एक नई तकनीक के माध्यम से फिल्म में कंप्यूटर जेनरेटेड इमेजिनरी इफेक्ट्स का भी प्रयोग किया है। फिल्म के स्पेशल इफेक्ट गजब के हैं। आधुनिक सिनेमा की नई तकनीक से आप इस फिल्म में एक ऐसी सपनों की दुनिया को रुपहले पदेर् पर देख सकेंगे जो शायद कभी आपने सपनों में देखी हो।

कहानी : साल 2154 की इस कहानी के मुख्य किरदार जैक सल्ली ( सैम वर्थटिंगटन ) को एक गुप्त मिशन के अंतर्गत एक काल्पनिक ग्रह पंडारा भेजा जाता है। इस ग्रह पर जाने के लिए जैक को एक खास प्रोग्राम अवतार से लैस किया जाता है। इसके मुताबिक जैक ग्रह पर जाकर भी मिशन के मकसद में लगा रहे और उस पर मिशन के आका उसे अपने मन मुताबिक चला सकें। पंडारा ग्रह पर जाने के बाद जैक ग्रह पर रह रहे दूसरी दुनिया के लोगों में मिल जाता है। जैक को वहां के राजा की बेटी से प्रेम हो जाता है , लेकिन वहीं उसे मिशन पर भेजने वाले अमेरिकी सेना के आकाओं के इरादे कुछ और है।

स्क्रिप्ट : करीब पौने तीन घंटे लंबी इस फिल्म की स्क्रिप्ट कहीं भी कमजोर नहीं पड़ती। स्क्रिप्ट राइटर ने दूसरी दुनिया में रहने वालों की उस अजब दुनिया को कुछ ऐसे असरदार ढंग से पेश किया है कि दर्शकों को उस अनजानी दुनिया से प्रेम हो जाता है। इसे स्क्रिप्ट राइटर और कैमरामैन की काबलियत ही कहा जाएगा कि अमेरिकी सेना जिस अनजान ग्रह को नरक से भी बदतर बताती है , उसी दुनिया को ऐसी खूबसूरती से पेश किया गया है कि हर कोई उसमें बंध सा जाता है।

डायरेक्शन : जेम्स कैमरॉन की फिल्म के हर हिस्से पर सौ फीसदी पकड़ है। करीब डेढ़ सौ साल बाद की एक ऐसी काल्पनिक दुनिया को उन्होंने ऐसे असरदार ढंग से सिल्वर स्क्रीन पर उतारा है कि दर्शक शुरू से लेकर आखिर तक फिल्म के साथ खुद को बंधा पाता है। एक ऐसी फिल्म में जिसके सभी पात्र सौ फीसदी काल्पनिक और अजीब लगने वाले हैं , उन पात्रों के साथ दर्शकों का तारतम्य जोड़ने का क्रेडिट जेम्स को जाता है।

ऐक्टिंग : जैक की भूमिका में सैम ने एक ऐसा किरदार निभाया है जो एकसाथ दो जिंदगी जीता है। पंडारा ग्रह पर पहुंचने के बाद सैम का दूसरी दुनिया के लोगों से रिश्ता जोड़ना और आकाश की दुनिया के लोगों के साथ जंग करने के लिए उन्हें एकजुट करने वाले सींस में सैम खूब जमे है। बाकी कलाकारों में साल्दना , सीक्योर्नी ने बेहतरीन अभिनय किया है।

क्यों देखें : फैमिली के साथ एक ऐसी नई दुनिया को देखने का एहसास जहां सब कुछ आपके सपनों जैसा सुहाना और लाजवाब है। 3 डी और फिल्म के ऐसे अद्भुत स्पेशल इफेक्ट जो इससे पहले आपने शायद ही देखे हों।
(चंद्रमोहन शर्मा,नभाटा)

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