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Thursday, February 17, 2011

पटना में भोजपुरी फिल्म महोत्सव 22 मार्च से

बिहार दिवस पर तीन दिवसीय भोजपुरी फिल्म महोत्सव 22 मार्च से शुरु होगा. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इस कार्यक्रम में 24 मार्च तक पटना के मोना सिनेमा में भोजपुरी की सात फिल्में दिखायी जायेंगी.

दर्शक इसका आनंद बिना शुल्क के उठा सकेंगे. विभाग के सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 25 से 27 मार्च तक एएन सिन्हा इंस्टीटय़ूट में डॉक्यूमेंट्री महोत्सव होगा. इसमें सरकारी विभागों और बिहार के विषय वस्तु पर बनी 14 डॉक्यूमेंट्री दिखायी जायेगी. फिल्मों की शॉर्टलिस्टिंग की जा रही है.

फिल्म महोत्सव का मकसद लोगों में बिहारी होने का गर्व पैदा करना है. मोना सिनेमा के मैनेजर शरद गुप्ता ने बताया कि भोजपुरी फिल्म महोत्सव बिल्कुल अलग होगी. इसमें दिखायी जानेवाली फिल्में बिहार पर आधारित होंगी.

फिल्म निर्माता व वितरक प्रमोद कुमार चौधरी ने बताया कि पुरानी भोजपुरी फिल्मों का प्रदर्शन होगा. जिनके प्रिंट अभी मौजूद नहीं हैं, उन्हें भी शामिल किया जायेगा. राजकुमार शाहाबादी ने कहा कि भोजपुरी फिल्मों का स्तर गिर चुका है.1961 में जो संस्कृति शुरू हुई थी, अब वैसी नहीं रही. जब तक परिवार देखने नहीं जायेगा, भोजपुरी फिल्में आगे नहीं बढ़ेंगी(प्रभात खबर,पटना,17.2.11).

मुश्किल दौर से उबरा भोजपुरी सिनेमा

18 फरवरी 1961 को भोजपुरी सिनेमा की नींव पड़ी थी। इस वर्ष भोजपुरी सिनेमा अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है। इन पचास वर्षो में भोजपुरी सिनेमा ने कई उतार-चढ़ाव देखे है। आज स्थिती बदल चुकी है। भोजपुरी सिनेमा अब अपने मुश्किल दौर से गुजर चुका है। यह बातें भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार रवि किशन ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ से खास बातचीत में कही। भोजपुरी सिनेमा के पचास वर्ष पूरी होने की खुशी रवि किशन के चेहरे पर साफ दिख रही थी। उन्होंने कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति बाबू राजेन्द्र प्रसाद को मैं शत-शत नमन करना चाहूंगा। बाबू राजेन्द्र प्रसाद ने ही सबसे पहले भोजपुरी भाषा में फिल्म बने, ऐसी मंशा नजीर हुसैन साहब के सामने जाहिर की। रवि किशन ने कहा कि नजीर हुसैन, विनाथ शाहाबादी, रामायण तिवारी, भगवना सिन्हा, लीला मिश्रा, कुंदन कुमार, असिम कुमार, कुमकुम, चित्रगुप्त, मोहन प्रसाद और सुजीत कुमार का भोजपुरी सिनेमा के प्रति यह समर्पण रहा कि आज लाखों लोग भोजपुरी फिल्मों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। रवि किशन ने कहा कि पहले और आज की भोजपुरी फिल्मों में काफी बदलाव आया है। बदलाव में मुख्य रूप से तकनीक और अभिनय पक्ष है। आज बड़ी-बड़ी कम्पनियां इस क्षेत्र में कदम रख चुकी है। भोजपुरी फिल्मों का दायरा काफी बढ़ गया है। फिल्मों का बाजार उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को लांघ कर पूरे देश में फैल गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही विदेश में भी नियमित रूप से भोजपुरी फिल्म जगत का सामना होगा। मैं खुद इस दिशा में प्रयासरत हूं। बालीवुड के बड़े नाम भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुके है और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। उन्होंने कहा कि मेरी फिल्म ‘कब होई गवना हमार’

को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। जबकि ‘जरा देब दुनिया प्यार में’ का कांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया है। यह भोजपुरी फिल्म जगत की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। उन्होंने कहा कि आज भोजपुरी फिल्मों को समाज के हर तबके द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है। भोजपुरी फिल्मों से महिलाओं की बढ़ती दूरी का कारण रवि किशन छोटे पर्दे को मानते है। उन्होंने कहा कि टीवी की वजह से महिलाओं की संख्या में कमी आई है खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में यह देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके कई फिल्में ऐसी है जिसे बड़ी संख्या में महिलाओं ने देखा और सराहा है। डा.चन्द्रप्रकाश द्विवेदी की ‘मोहल्ला अस्सी’ में टन्नी गुरु की भूमिका निभा रहे रवि किशन ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी बदौलत आज भोजपुरी फिल्म की कायनात कायम है। बॉलीवुड को चुनौती देती भोजपुरी सिनेमा जगत की असली ताकत उसके लाखों -करोड़ों प्रशंसक है(शशि श्रीवास्तव,राष्ट्रीयसहारा,वाराणसी,17.2.11)।

Tuesday, February 15, 2011

20 साल बाद आई हरियाणवी फिल्म

हरियाणा के लोगों के मनोरंजन के लिए करीब 20 साल बाद एक हरियाणवी फिल्म आ रही है। फिल्म मुठभेड़ ‘ए प्लान्ड एन्काउंटर’ का प्रीमियर सोमवार को पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित शालीमार मेगामॉल में किया गया।

इस दौरान हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव के.के. खंडेलवाल, सीएम के पूर्व ओएसडी डॉ. के.वी. सिंह व पंजाब वेलफेयर बोर्ड से विजय लक्ष्मी भादू मौजूद थीं। सुरजेवाला ने सरकार से मांग उठाई कि इस फिल्म को मनोरंजन कर से छूट दी जाए। खंडेलवाल ने कहा कि लंबे समय बाद हरियाणवी फिल्म आ रही है।

हरियाणा ने देश को कई शायर और साहित्यकार दिए हैं। कई प्रसिद्ध अभिनेता भी हरियाणा से संबंध रखते हैं। फिल्म के निर्माता संजय शर्मा ने बताया कि फिल्म में मुकेश तिवारी और पूनम झावर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। संजय शर्मा ने खुद विलेन का रोल किया है। शर्मा ने बताया कि फिल्म के निर्देशक सूरज भारद्वाज हैं। फिल्म की कहानी ऐसे युवाओं पर आधारित है, जो राजनीति के कारण रास्ता भटक चुके हैं।

यह एक ऐसे युवक की कहानी है, जिसे बलात्कार के झूठे केस में फंसा दिया जाता है। फिल्म की शूटिंग ज्यादातर हरियाणा में ही की गई है। कुमार मंगत ने भी फिल्म के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुकेश तिवारी इससे पहले अपहरण, गोलमाल, रिफ्यूजी व चाइना टाउन फिल्मों में भूमिका निभा चुके हैं। पूनम झावर ने मोहरा, आंच व मराठी फिल्मों में अभिनय किया है। एक्शन टीटू सिंह का है। इस मौके पर मुक्ता आर्ट्स से संजय घई व अन्य लोग उपस्थित थे। फिल्म में पांच गीत हैं। गौरतलब है कि लंबे अर्से पहले बनी हरियाणवी फिल्म चंद्रावल हरियाणा सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सुपरहिट रही थी(अरविंद गोयल,दैनिक भास्कर,पंचकूला,15.2.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
हरियाणवी फिल्मों के प्रशंसकों तथा हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है कि दो दशक के अंतराल के बाद एक बड़े बजट की नई हरियाणवी फिल्म सोमवार को रिलीज हो गई है। मुठभेड़ ए प्लांड एनकाउंटर नामक इस फिल्म को बॉलीवुड के कलाकारों और तकनीशियंस ने पेश किया है। फिल्म का प्रीमियर पंचकूला के सेक्टर-6 स्थित शालीमार फेम सिनेमा में हुआ। इस इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव केके खंडेलवाल, पूर्व मंत्री शमशेर सिंह सुरजेवाला और मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने भी इस फिल्म का आनंद लिया। फिल्म के एक्शन सीन का निर्देशन टीटू सिंह ने किया है, जो मशहूर एक्शन डायरेक्टर वीरू देवगन के सहयोगी रहे हैं। फिल्म के निर्माता संजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणवी में यह पहली फिल्म है, जिसे बालीवुड के टेक्नीकल सहयोग से तैयार किया गया है। फिल्म के निर्देशक सूरज भारद्वाज ने कहा कि हरियाणवी सिनेमा का पनप न पाने का मुख्य कारण इसका आम आदमी के साथ जुड़ न पाना है। भारद्वाज के मुताबिक यह भावनात्मक फिल्म है। यह ऐसे युवाओं के बारे में है जो राजनीति के कारण रास्ता भटक चुके हैं। यह एक्शन से भरपूर फिल्म है। यही नहीं इसकी सारी शूटिंग भी हरियाणा में ही हुई है। यह एक ऐसे युवक की कहानी है जिसे बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है। निर्माता संजय शर्मा के मुताबिक यह फिल्म हरियाणवी सिनेमा के लिए एक आशा की किरण बन कर आई है। फिल्म का निर्माण एसएस फिल्म एंटरटेनमेंट और ओमकारा फेम कुमार मंगत ने किया है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार गंदी राजनीति के जरिये युवाओं को गुमराह किया जाता है। फिल्म में मुकेश तिवारी, पूरम झावर, संजय शर्मा आदि कलाकारों ने काम किया है। मुकेश तिवारी फिल्म अपहरण, गोलमाल, रिफ्यूजी और चाइना टाउन जैसी फिल्मों के माध्यम से अपना लोहा मनवा चुके हैं। पूनम झावर ने मोहरा और आंच जैसी फिल्मों में काम किया है। पूनम मराठी फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी है। फिल्म के निर्माता संजय शर्मा इस फिल्म में विलेन के रोल में नजर आएंगे। निर्देशक सूरज भारद्वाज के मुताबिक यह फिल्म बनाना उनके लिए एक शानदार अनुभव था। उनका कहना है कि यह फिल्म हरियाणवी सिनेमा को दोबारा पटरी पर ले आएगी। फिल्म की शूटिंग हरियाणा के लोकेशंस पर पिंजौर, पंचकूला आदि में की गई है। टूरिस्ट कांप्लेक्स रेड बिशप में भी इसके कुछ दृश्य फिल्माए गए हैं। डबिंग और एडिटिंग मुंबई में की गई है।