बिहार दिवस पर तीन दिवसीय भोजपुरी फिल्म महोत्सव 22 मार्च से शुरु होगा. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इस कार्यक्रम में 24 मार्च तक पटना के मोना सिनेमा में भोजपुरी की सात फिल्में दिखायी जायेंगी.
दर्शक इसका आनंद बिना शुल्क के उठा सकेंगे. विभाग के सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 25 से 27 मार्च तक एएन सिन्हा इंस्टीटय़ूट में डॉक्यूमेंट्री महोत्सव होगा. इसमें सरकारी विभागों और बिहार के विषय वस्तु पर बनी 14 डॉक्यूमेंट्री दिखायी जायेगी. फिल्मों की शॉर्टलिस्टिंग की जा रही है.
फिल्म महोत्सव का मकसद लोगों में बिहारी होने का गर्व पैदा करना है. मोना सिनेमा के मैनेजर शरद गुप्ता ने बताया कि भोजपुरी फिल्म महोत्सव बिल्कुल अलग होगी. इसमें दिखायी जानेवाली फिल्में बिहार पर आधारित होंगी.
फिल्म निर्माता व वितरक प्रमोद कुमार चौधरी ने बताया कि पुरानी भोजपुरी फिल्मों का प्रदर्शन होगा. जिनके प्रिंट अभी मौजूद नहीं हैं, उन्हें भी शामिल किया जायेगा. राजकुमार शाहाबादी ने कहा कि भोजपुरी फिल्मों का स्तर गिर चुका है.1961 में जो संस्कृति शुरू हुई थी, अब वैसी नहीं रही. जब तक परिवार देखने नहीं जायेगा, भोजपुरी फिल्में आगे नहीं बढ़ेंगी(प्रभात खबर,पटना,17.2.11).
भोजपुरी फिल्मों का गौरवशाली इतिहास रहा है ......भविष्य उज्जवल है ......बीच-बीच में बादलों का आना-जाना तो लगा ही रहता है ...मेरी शुभकामनाएं.
ReplyDeleteआपसे एक निवेदन है ...अपने ब्लॉग पर हिन्दी त्रान्सलितिरेशन लगा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी ...मेरे ब्लॉग पर जाएँ ....और इस विजेट को अपने ब्लॉग पर पेस्ट कर लें. ....बस हो गया.
भोजपुरी फिल्मों का भविष्य उज्जवल है।
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शिकार: कहानी और संभावनाएं।
ज्योतिर्विज्ञान: दिल बहलाने का विज्ञान।
भोजपुरी फिल्मों का भविष्य उज्जवल है।
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