स्वागत

Friday, April 15, 2011

फर्स्ट डे फर्स्ट शो अब आपके घर पर

तकनीक का चमत्कार यूं ही जारी रहा तो वो दिन दूर नहीं जब अपने पसंदीदा सितारे की ताजातरीन फिल्म देखने के लिए फिल्म की रिलीज के दिन आप अपने घर के भीतर बाहर से ताला लगाकर बैठें। क्योंकि, आप नहीं चाहेंगे कि आपकी ये पसंदीदा फिल्म बजाय सिनेमाघर के जब आप अपने घर में अपने खास दोस्तों के साथ देख रहे हों तो कोई आपको डिस्टर्ब करे। उपग्रहों से सीधे आपके टेलीविजन के लिए तमाम चैनल पकड़ने वाले छोटी सी छतरी का दिमाग बड़ा हो रहा है और इसके जरिए आपकी जेब से पैसा निकालने की एक चुपचाप लेकिन चौंकाने वाली कोशिश शुरू हो गई है।

देश में फिल्मों को थिएटरों तक पहुंचाने के तरीकों में पिछले तीन-चार साल में क्रांतिकारी परिवर्तन हो चुका है। अब तमाम सिनेमाघरों के मालिक वितरकों के पास फिल्म के प्रिंट लेने के ना तो अपने कर्मचारी भेजते हैं और ना ही शुक्रवार की दोपहर तक ट्रेन लेट होने या रास्ते में ट्रैफिक जाम लग जाने के चलते प्रिंट न आने पर उनकी सांसें ही फूलती हैं। कभी जी समूह के लिए देश में पहली ऑन लाइन लॉटरी प्लेविन की परिकल्पना सोचने और उसे अमली जामा पहनाने वाले और पेशे से इंजीनियर संजय गायकवाड़ ने छह साल पहले एक ऐसी तकनीक की परिकल्पना की जिसके जरिए फिल्मों का सिनेमाघरों में प्रदर्शन और वितरण एक जगह से नियंत्रित किया जा सके। पूरे देश में करीब ढाई हजार सिनेमाघर अब इसी तकनीक से सैटेलाइज के जरिए फिल्में दिखाते हैं।

सैटेलाइट के जरिए एमपीईजी ४ स्तर का डिजिटल प्रसारण मुहैया कराने वाली दुनिया की इकलौती कंपनी यूएफओ मूवीज को चलाने वाले वैल्यूएबल ग्रुप के भीतर अब एक और क्रांतिकारी काम चल रहा है। ये कदम है देश में सिनेमा के शौकीनों का एक ऐसा क्लब तैयार करने का, जो नई फिल्में देखने के लिए ५० हजार से लेकर एक लाख रुपए प्रति फिल्म तक खर्च करने का माद्दा रखते हों। ये कीमत सदस्यों की संख्या बढ़ने पर आगे कम भी हो सकती है। क्लब एक्स नाम के इस समूह में अब तक हर्ष गोयनका, अमित बर्मन और छगन भुजबल के अलावा शाहरूख खान,अजय देवगन और सचिन तेंदुलकर शामिल हो चुके हैं। क्लब की सदस्यता फिलहाल केवल आमंत्रण से है और जाहिर है,इसका सदस्य बनने से पहले आपकी कोठी में दस-बारह लोगों के एक साथ बैठने लायक छोटा सा थिएटर भी होना चाहिए(पंकज शुक्ल,नई दुनिया,दिल्ली,15.4.11)

2 comments:

न मॉडरेशन की आशंका, न ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति का इंतज़ार। लिखिए और तुरंत छपा देखिएः