दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने वाले देश के सारे फिल्म निर्माता ६ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करने जा रहे हैं। ये हड़ताल केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा कॉपी राइट कानून में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में की जा रही है। फिल्म निर्माताओं का कहना है केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल अपने कुछ दोस्तों के बहकावे में आ चुके हैं और फिल्म जगत की वस्तुस्थिति जानने के लिए उनका मंत्रालय कोई कोशिश नहीं कर रहा।
कॉपीराइट कानून में प्रस्तावित संशोधनों के मुताबिक अब लेखकों और गीतकारों को फिल्म की रॉयल्टी में हिस्सा मिलेगा और किसी भी तरह के अनुबंध के द्वारा इस हक़ को खत्म नहीं किया जा सकेगा। फिल्म उद्योग में अभी तक ऐसी शर्त गायिका लता मंगेशकर और संगीतकार ए आर रहमान जैसे लोग ही अपवाद स्वरूप फिल्म साइन करते समय रखते रहे हैं, लेकिन कानून में संशोधन के बाद यह हक हर लेखक और गीतकार को मिल जाएगा। फिल्म निर्माता इसे फिल्म उद्योग के खिलाफ एक बड़ी साजिश बता रहे हैं और उनका कहना है कि लेखक या गीतकार सिर्फ लेखन का काम करता है, उसके बाद तमाम सारे तकनीशियन मिलकर उसे जीवंत करने की कोशिश करते हैं, ऐसे में रायल्टी पर आने वाले दिनों में कपड़े बनाने वालों से लेकर सेट बनाने वाले और सिनेमैटोग्राफर तक सभी रॉयल्टी मांगना शुरू कर देंगे क्योंकि कोई कहानी या गीत लिख देने भर से ही न तो फिल्म बन जाती है और न ही वो गाना परदे पर जीवंत हो सकता है।
इस बीच फिल्म निर्देशकों की संस्था ने भी लेखकों और गीतकारों की देखादेखी रॉयल्टी में हिस्सा मांगने की मुहिम शुरू कर रखी है। दो दिन पहले हिंदी फिल्में और धारावाहिक बनाने वाले निर्देशकों की इस बारे में मुंबई में बैठक भी हुई।
मामला संगीन होते देख फिल्म निर्माताओं की मातृ संस्था फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अब ये मामला अपने हाथ में ले लिया है। उधर, कॉपी राइट कानून में संशोधनों के लिए सबसे ज्यादा कोशिश करते रहे सांसद और गीतकार जावेद अख्तर का उनकी इन कथित फिल्मी उद्योग विरोधी कोशिशों के जलते फिल्म फेडरेशन ने अनिश्चितकालीन बहिष्कार कर दिया है(पंकज शुक्ल,नई दुनिया,दिल्ली,27.12.2010)।
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