स्वागत

Friday, January 1, 2010

Accident On Hil Road:एक्सीडेंट ऑन हिल रोडःफिल्म समीक्षा

ऐक्सिडेंट ऑन हिल रोड... हमें क्या करना
कलाकार : फारूख शेख , सेलिना जेटली , अभिमन्यु सिंह
निर्माता : नारी हीरा
निर्देशक : महेश नायर
संगीत : राजू सिंह
सेंसर सर्टिफिकेट : यू / ए
अवधि : 121 मिनट ,
हमारी रेटिंगः **

बॉलिवुड में कुछ ऐसे बैनर हैं जो बॉक्स ऑफिस पर फायदे - नुकसान की परवाह किए बिना फिल्में बनाते हैं। ये फिल्में एक खास वर्ग की पसंद को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। कुछ यही हाल इस हफ्ते रिलीज हुई इस फिल्म का है। एक जाने - माने मैगजीन समूह से जुड़े नारी हीरा को अलग स्टाइल की ऐसी फिल्में बनाने का क्रेज है जो उनके मुताबिक मल्टिप्लेक्स कल्चर में फिट बैठती हैं या कुछ नया और आम स्टाइल से हटकर बनी फिल्मों के शौकीनों को थिएटर तक खींचने का दम रखती हों। हॉलिवुड फिल्म स्टक से प्रभावित इस फिल्म में उन्होंने ऐसा मेसेज देने की कोशिश की है जो टीनएजर्स के लिए जरूरी है। देर रात किसी पार्टी से नशे में चूर होकर गाड़ी चलाना कितना खतरनाक हो सकता है , यही बात इस फिल्म के माध्यम से समझाने की कोशिश की गई है।

अगर डायरेक्टर चाहते तो इस बात को बड़ी आसानी से कहा जा सकता था , लेकिन एकबार फिर कुछ नया करने की चाह में डायरेक्टर ऐसे उलझे कि कहानी पर उनकी पकड़ बिल्कुल जाती रही। दरअसल , ऐसी कहानी को हैंडल करने के लिए जरूरी है कि बात को इतने आसान ढंग से कहा जाए कि हॉल में बैठा हर दर्शक कहानी से बंध जाए। यहीं पर डायरेक्टर मात खा गए और इंटरवल के बाद कहानी को खत्म करने में कुछ ऐसा डगमगाए कि कहानी का क्लाइमेक्स नाटकीय और भयावह बनकर रह गया।

कहानी : देर रात तक नशे में चूर होकर पार्टी में एन्जॉय करने के बाद सोनम चोपड़ा ( सेलिना जेटली ) अपनी कार ड्राइव करके घर जा रहे प्रकाश श्रीवास्तव ( फारूख शेख ) को ऐसी जबर्दस्त टक्कर मारती है कि बुरी तरह जख्मी प्रकाश कार के अगले शीशा को तोड़ता हुआ शीशे में फंस जाता है। शराब के नशे में चूर सोनम इस हादसे से इतना घबरा जाती है कि जख्मी प्रकाश का इलाज कराने की बजाय उसे कार में डालकर बंगले में बने गराज में ले आती है। सोनम को इंतजार है प्रकाश की मौत का लेकिन घायल प्रकाश को अब कुछ होश आने लगता है और सोनम पुलिस और अपने करियर के खराब हो जाने के डर में अपने बॉयफ्रेंड सिद्धार्थ ( अभिमन्यु सिंह ) के साथ मिलकर एक साजिश रचती है।

डायलॉग : राहुल - वरुण के संवादों में ऐसा दम नहीं कि दर्शकों को बांध सकें।

ऐक्टिंग : अब तक अपनी सेक्सी और हॉट इमेज से दर्शकों में अपनी पहचान बनाने वाली सेलिना को इस फिल्म के जरिए करियर में शायद पहली बार इतनी फुटेज मिली कि पूरी फिल्म उन्हीं के इर्दगिर्द टिकी रही। पेज थ्री पार्टियों की शौकीन सोनम के रोल में सेलिना खूब जमी हैं। ' गुलाल ' से पहचान बना चुके अभिमन्यु सिंह के करने के लिए फिल्म में कुछ था ही नहीं। लंबे अर्से बाद सिल्वर स्क्रीन पर नजर आए फारूख का जवाब नहीं।

म्यूजिक : वैसे भी कहानी में गानों के लिए गुंजाइश नहीं थी , और जो गाना फिल्म में है , फिल्म में कब आया और कब चला गया दर्शकों को पता ही नहीं चलता।

क्यों देखें : अगर आप लीक से हटकर बनी फिल्मों के शौकीनों है तो एकबार देखी जा सकती है। फैमिली क्लास और एंटरटेनमेंट के शौकीनों के लिए फिल्म में कुछ नहीं।

(चंद्र मोहन शर्मा,नभाटा,दिल्ली)






Film: Accident on Hill Road
Cast: Farooque Shaikh, Abhimanyu Singh, Celina Jaitley
Genre: Thriller
Direction: Mahesh Nair
Duration: 1 hour 45 minutes
Critic's Rating: **

Story: Celina Jaitley hits pedestrian Farooque Shaikh on Hill Road and runs...She parks the car in her garage, with the still breathing victim wedged in the windshield and unleashes a cat and mouse game that heads towards a bloody climax.

Movie Review: The film is based on a real-life incident and features Abhimanyu Singh. Remember the actor who walked away with your applause as the student leader in Anurag Kashyap's maverick movie Gulal? More importantly, the film provides a role of a lifetime to Celina Jaitley as the nurse who seems to lose all her humaneness in a freak situation. And if that's not enough, it marks another return of the talented Farooque Shaikh to mainstream cinema after the disastrous Saas Bahu aur Sensex.

Sadly, nothing seems to work in its favour. Abhimanyu Singh's drug peddlar act is too minuscule and poorly-crafted to actually make a difference. Farooque Shaikh as the hit-and-run victim spends too many awkward moments lying upside down on screen. And Celina Jaitley simply screams her lungs out or feverishly gulps down whiskey, vodka or what-you-will to display her fear, anger and desperation as the woman who might lose everything -- her future in London, her life with boyfriend Singh -- after some binge drinking.

All set for an interview with the Red Cross, Celina spends the evening partying with friends. But too much Ecstasy and alcohol send her into a tizzy and embroil her in an accident on her way back home. Instead of abiding by the law, the woman panics and drives off into her garage, with the victim (Farooque Shaikh) dangling and desperately begging for help. She tries to wrap up the sordid story with the help of her boyfriend, Abhimanyu Singh, who keeps popping some more pills into her. Naturally, the out-of-focus twosome can hardly control events which completely go out of hand. As does the film....
(टाइम्स ऑफ इंडिया,दिल्ली,01.01.2010)

No comments:

Post a Comment

न मॉडरेशन की आशंका, न ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति का इंतज़ार। लिखिए और तुरंत छपा देखिएः