भारतीय इतिहास में विवादित शख्सियत भिंडरावाला को कुछ लोग सिखों के हितों की रक्षा के लिए लड़ने वाला शहीद मानते हैं जबकि कुछ उग्रवादी। गुरुद्वारों की परिषद के चेयरमैन डॉ. साधु सिंह ने कहा है कि कई दर्शक संत भिंडरावाला को बिन लादेन जैसा देख कर गुस्से में आ गए। फिल्म में उन्हें पगड़ी बांधे और बंदूक पकड़े दिखाया गया है। जो लोग सिखी के बारे नहीं जानते वे इससे गुमराह होंगे। अमरीका पर आतंकवादी हमले के बाद सिख हमलों का निशाना बने जबकि सिखों का लादेन से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा है कि फिल्म में सोनिया दयोल को हिंदुओं के साथ नाचते दिखाया गया है जैसे हिंदुओं और सिखों में कोई समस्या ही न हो जबकि सिख अभी भी यह महसूस करते हैं कि 1984 के हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा नहीं दी गई।
फिल्म में सोनिया दयोल की भावनात्मक भारत यात्रा को दर्शाया गया है जो यह जानने की कोशिश करती है कि इस तरह का हमला कैसे हुआ। बीबीसी को इस फिल्म के खिलाफ 52 शिकायतें मिली हैं जबकि टीवी स्टेशन ‘द सिख चैनल’ के मालिक दविंदर सिंह बल का कहना है कि उन्हें आठ हजार फोन आए हैं। अगर बीबीसी ने सिख भाईचारे की भावनाएं शांत न की तो सात लाख सिख बीबीसी को लाइसैंस फीस देनी बंद कर देंगे।
(दैनिक भास्कर,दिल्ली,18.1.10)
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