मशहूर डायरेक्टर प्रकाश झा ने जिस दिन से फिल्म राजनीति बनाने की घोषणा की, उस दिन से फिल्म के साथ कोई न कोई विवाद जुड़ा हुआ है। फिल्म में जैसे ही कटरीना कैफ को लेने की घोषणा की गई, तो यह चर्चा होने लगी कि फिल्म सोनिया गांधी के ऊपर बनाई जा रही है। इसकी खास वजह यह थी कि विदेश में जन्मीं कटरीना कैफ का ठीक से हिंदी न बोल पाना और उनका विदेशी ऐक्सेंट। लेकिन प्रकाश झा ने इसका खंडन किया था।
फिल्म रिलीज़ के लिए तैयार है और सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास कर यूए सर्टिफिकेट दिया है। लेकिन फिल्म के सेंसर बोर्ड के पास जाने से पहले कांग्रेस के तीन प्रतिनिधियों- टॉम वडक्कन, पंकज शर्मा और संजीव भार्गव ने फिल्म को देखा था और फिल्म के लिए 'ए' सर्टिफिकेट की मांग की थी।
झा ने बताया कांग्रेस प्रतिनिधियों ने फिल्म के कुछ खास सीन्स पर आपत्ति जताई और उन्हें हटाने के लिए कहा। कई सीन्स जिनमें गालियां थीं, को बीप करने के लिए कहा गया। फिल्म का एक सीन जहां एक पार्टी कार्यकर्ता अर्जुन रामपाल से टिकट के बदले मोलभाव करता है और दूसरा अर्जुन रामपाल और कटरीना कैफ के बीच लव मेकिंग सीन को फिल्म से पूरी तरह हटाने की मांग की।
इसके अलावा सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म से कुछ सीन्स हटाए थे जैसे- एक सीन में डॉयलॉग था कि 'ले जाएगी विधवा सपोर्ट समेट के'। प्रकाश झा ने बताया कि उन्हें 'विधवा' शब्द को हटाकर 'बेटी' करना पड़ा। लेकिन इतनी कांट-छांट करने के बावजूद कांग्रेस पैनल ने फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिए जाने का दबाव बनाया। यही कारण था कि फिल्म प्रड्यूसर को ट्रिब्यूनल के पास जाना पड़ा और उसने पैनल के ए सर्टिफिकेट की मांग को खारिज कर दिया और फिल्म को यूए सर्टिफिकेट मिल गया।
कांग्रेसी पैनल के केवल एक व्यक्ति अनिल थॉमस, जो केरल कांग्रेस कमिटी के मेंबर भी हैं, पैनल से सहमत नहीं थे। इससे पहले राजनीति की टीम को दिल्ली के कॉलेज में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की परमिशन नहीं दी गई। इसके अलावा इंडिया गेट और लालकिला पर भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की इजाजत नहीं मिली, तब राजनीति की टीम को गुड़गांव के होटेल में मीडिया इंवेंट का आयोजन करना पड़ा।
प्रकाश झा ने यह भी बताया कि एक दिन मुझे मेरे मित्र मोहन आगाशे ने फोन किया और कहा कि आईबी मंत्रालय के एक अधिकारी मुझसे बात करना चाहते हैं। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने कहा- 'मैंने आपकी फिल्म के बारे में काफी सुना है क्या मैं फिल्म देख सकता हूं? मैंने उनसे कहा कि, 'सर फिल्म तो देखने के लिए ही बनाई है।' पहले मुझे फिल्म को सेंसर बोर्ड में समिट करने दीजिए उसके बाद फिल्म का शो आप लोगों के लिए आयोजित करूंगा।'
(टाइम्स न्यूज नेटवर्क,28 मई,2010)
प्रकाश झा वो इन्सान है जिसपे नकली पार्टियों का सेंसर का कोई असर नहीं होने वाला /
ReplyDelete