राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का दायरा ब़ढ़ाने की तैयारी चल रही है। दरअसल, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी को मंगलवार को सौंपी गई पुरस्कारों पर गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि अब पुरस्कारों के चयन की ज्यूरी दोस्तरीय होनी चाहिए। यानी एक केंद्रीय और दूसरी क्षेत्रीय। वहीं पुरस्कारों की संख्या में इजाफा करते हुए कुछ नए पुरस्कारों को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है। कई पुरस्कारों की राशि भी ब़ढ़ाने के लिए कहा गया है। सूचना और प्रसारण मंत्री ने इन सिफारिशों को प्रक्रिया में लाने की बात कही है।
फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में गठित समिति ने अंबिका सोनी को रिपोर्ट सौंपी। इस मौके पर अंबिका ने कमेटी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि उसने कम समय में ही उन्हें यह रिपोर्ट सौंप दी। कमेटी ने दो स्तरीय ज्यूरी होने की सिफारिश में कहा है कि एक केंद्रीय और पांच क्षेत्रीय ज्यूरी होनी चाहिए, जो कि क्षेत्रीय भाषाओं का काम देखे। कमेटी ने फीचर फिल्म श्रेणी में पुरस्कारों की संख्या ३१ से ३४ करने की सिफारिश की है। यह संख्या पुरस्कारों ऑडियोग्राफी, संगीत, श्रेष्ठ स्क्रीन प्ले और संवाद श्रेणियों में ब़ढ़ाने की सिफारिश है। वहीं फीचर फिल्मों के विशेष ज्यूरी पुरस्कारों की राशि १,२५,००० रुपए से ब़ढ़ाकर दो लाख करने की सिफारिश की गई है। वहीं गैर फीचर फिल्मों की श्रेणी को दो भागों में बांटते हुए श्रेष्ठ शैक्षिक फिल्म और पर्यावरण पर श्रेष्ठ फिल्म की श्रेणियों में बांटने की बात है। श्रेष्ठ गैर फीचर फिल्मों की पुरस्कार राशि भी एक लाख से ब़ढ़ाकर दो लाख करने की सिफारिश की गई है। कमेटी में बेनेगल के अलावा साई प्रांजपे, अशोक विश्वनाथन, राजीव मेहरोत्रा, शर्मिला टैगोर, विशाल भारद्वाज, नागेश कुकनुर, मोहन अगासे, वहीदा रहमान, जाहनू बरुआ और शाहजी करुण जैसे नामचीन कलाकार शामिल थे।
(नई दुनिया,दिल्ली,12 मई,2010)
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