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Monday, May 31, 2010

लोकप्रियताः अमिताभ बनाम शाहरुख-सलमान

बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का दशकों तक लाखों लोगों के दिलो-दिमाग पर छाया रहनेवाला सिनेमाई जादू अब खत्म होता नजर आ रहा है । उनकी जगह शाहरुख, सलमान, ऋतिक और रणबीर कपूर जैसे नई पीढ़ी के सितारों की मांग और क्रेज ज्यादा नजर आ रही है । यही वजह है कि श्रीलंका में होने वाले आईफा पुरस्कार समारोह में अब अमिताभ की जगह सलमान और शाहरुख ने ले ली है । कहा जा रहा है कि अमिताभ की लोकप्रियता का गिरता ग्राफ भी इस फैसले की वजह बना है और वह आईफा से दूर रखे गए हैं । अभिषेक और ऐश्वर्या बच्चन भी इस वर्ष आईफा में नहीं दिखेंगे।

विदेशों में भारतीय सिनेमा का जादू बिखेरने के लिए शुरू किए गए आईफा अवार्ड समारोह में इस साल बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा । इस अवार्ड के शुरू से ब्रैंड एंबेसडर रहे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन इस बार समारोह में नहीं दिखेंगे । उनकी जगह समारोह में शाहरुख-सलमान का जलवा दिखेगा । क्या यह नए दौर की शुरुआत है?

अजीबोगरीब लगता है कि अमिताभ बच्चन जून के पहले सप्ताह में श्रीलंका में होने जा रहे उस आईफा पुरस्कार समारोह में पहली बार शिरकत नहीं करेंगे जिसके वह ब्रैंड एंबेसडर हैं और आईफा से बिलकुल शुरू से ही जुड़े हुए हैं । खास बात यह भी है कि इस बार आईफा पुरस्कार समारोह में सिर्फ अमिताभ ही नहीं बल्कि अभिषेक और ऐश्वर्या बच्चन भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं ।

आईफा के आयोजकों ने इस बार बच्चन परिवार की जगह सलमान खान को श्रीलंका में आगे करने का फैसला किया है । सलमान ने भी आईफा से मिले न्यौते को स्वीकार कर लिया है । समारोह में सलमान खान के साथ बॉलीवुड के बादशाह कहे जानेवाले शाहरुख खान भी नजर आने वाले हैं । गौरतलब है कि शाहरुख पांच वर्ष बाद आईफा समारोह में नजर आएंगे । सलमान खान और शाहरुख खान कैटरीना के जन्मदिन की पार्टी में हुए झगड़े को भूलकर पहली बार एक साथ आ रहे हैं । समारोह के दौरान शाहरुख खान एक चैरिटी क्रिकेट मैच में भारतीय टीम की कमान संभालने वाले हैं तो सलमान खान इस मैच में खेलने के साथ-साथ दूसरे परफॉर्मेंस में भी नजर आने वाले हैं ।

आईफा से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा जा सकता है कि अमिताभ बच्चन को आईफा ने जानबूझ कर समारोह से दूर रखा है । भले ही अमिताभ बच्चन आईफा के ब्रैंड एंबेसडर रहे हों लेकिन पिछले कुछ वर्षों से आईफा की लोकप्रियता में लगातार गिरावट नजर आ रही थी । चैनलवाले भी आईफा पुरस्कार समारोह के प्रसारण में कुछ खास रुचि दिखाते नजर नहीं आ रहे थे क्योंकि आईफा में सलमान और शाहरुख जैसे युवा पीढ़ी के चहेते सितारे नजर नहीं आते थे ।

अमिताभ बच्चन न सिर्फ खुद बड़े ब्रैंड हैं बल्कि उनके परिवार में भी अभिषेक और ऐश्वर्या के रूप में दो मशहूर सितारे मौजूद हैं। इसके बावजूद माना जा रहा है कि सलमान-शाहरुख की लोकप्रियता बच्चन परिवार की समवेत लोकप्रियता पर भारी पड़ रही है । विज्ञापनदाता भी इन दिनों इन्हीं दोनों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं । जाहिर है इन्हीं कारणों से आईफा के आयोजकों ने अमिताभ को समारोह से दूर रखना ही उचित समझा ।

अब देखना यह है कि आईफा को फिर से लोकप्रियता की चोटी पर पहुंचाने के लिए सामने आए सलमान खान और शाहरुख खान इस मिशन में कामयाब हो पाते हैं या नहीं। यूं तो शाहरुख पहले आईफा पुरस्कारों में हिस्सा लेते थे लेकिन पांच वर्ष पहले शाहरुख ने आईफा पुरस्कारों से दूरी बनाने का मन बनाया । आईफा पुरस्कार के दौरान ही शाहरुख विदेशों में स्टेज शो आयोजित करते रहे। आईफा के दौरान ही उन्होंने वर्ल्ड टूर का आयोजन किया । इसकी वजह से समारोह की लोकप्रियता का ग्राफ गिरा और आईफा बुरी तरह प्रभावित हुआ ।

इधर अमिताभ के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि अमिताभ की तबियत ठीक नहीं रहती और श्रीलंका में आईफा अवार्ड समारोह में शिरकत करने के फैसले के खिलाफ मुंबई में अमिताभ के आवास के सामने तमिल लोगों के विरोध-प्रदर्शन की वजह से अमिताभ श्रीलंका नहीं जा रहे हैं । सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा ही विरोध तो सलमान खान के खिलाफ भी तमिल लोगों ने गेटवे ऑफ इंडिया पर धरना देकर किया तो फिर वे अपने बॉलीवुड के दोस्तों के साथ आईफा अवार्ड में हिस्सा कैसे ले रहे हैं? उल्लेखनीय है कि २३ मार्च को मुंबई में अमिताभ बच्चन ने ही आईफा वोटिंग की शुरुआत की थी । उस समय तक इस समारोह में सलमान और शाहरुख के हिस्सा लेने की कोई चर्चा नहीं थी । अमिताभ बच्चन से उस समय पूछा भी था कि क्या इस बार सलमान और शाहरुख वगैरह आईफा पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने वाले हैं तो अमिताभ ने कहा था कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है और आयोजक ही इस बारे में कुछ बता सकते हैं। फिर एक महीने के भीतर ही आयोजकों ने सलमान खान के साथ समारोह में शिरकत करने संबंधी अनुरोध किया और एक भव्य प्रेस कांफ्रेंस में सलमान खान के नाम की घोषणा की। साथ ही,आयोजकों ने शाहरुख खान को भी समारोह में परफार्म करने के लिए राज़ी कर लिया। ज़ाहिर है,इन दोनों की लोकप्रियता की वजह से ही आईफा इन्हें अपने साथ जोड़ने को मज़बूर हुई है। अमिताभ इस सच्चाई से दूर भागना चाहते हैं इसलिए दूर भाग रहे हैं।

शाहरुख खान आज देश-विदेश में खासे लोकप्रिय हैं । शाहरुख ने तय योजना के मुताबिक अपनी इमेज बनाई है जिसका उन्हें अब फायदा हो रहा है। बाजीगर और डर जैसी फिल्मों में नकारात्मक किरदार निभा कर बड़े निर्माताओं के साथ अच्छे संबंध बनाए। आदित्य चोपड़ा और करन जौहर के साथ जुड़कर शाहरुख ने खुद को एक प्रेमी के रूप में साबित किया। उनकी फिल्मों ने विदेशों में भी पैसा कमाने की शुरूआत की और शाहरुख विदेशों में लोकप्रिय स्टार बन गए। विदेश में उनकी लगभग हर फिल्म कमाई का रिकार्ड बनाने लगी। शाहरुख ने एक योजना के तहत खुद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया। आज शाहरुख खान की विदेशों में खासी मांग है और उनकी फिल्में विदेश में अच्छा व्यवसाय करती हैं। शाहरुख ने अभिनय के साथ ही अपनी कीमत को देखते हुए करन जौहर के साथ फिल्म निर्माण में भी कदम रखा।

अमिताभ ने भी ऐसा करने की कोशिश की। एबीकॉर्प की स्थापना की लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। अब तो उन्होंने मराठी फिल्मों के निर्माण में भी कदम रखा है। अमिताभ फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं। शाहरुख भी फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं मगर वह इसे भव्यता के साथ करते हैं। खुद को बेचना उन्हें बहुत ही अच्छी तरह आता है इसलिए वे अपनी फिल्म ऊंची कीमत पर बेचने में सफल हो जाते हैं। माई नेम इज खान को उन्होंने ऐसा प्रचारित किया कि हॉलीवुड की कंपनी उसे खरीदने के लिए आगे आई और डूब गई मगर शाहरुख पर इसका कोई असर नहीं हुआ। सिर्फ फिल्में ही नहीं विज्ञापन जगत में भी उनकी तूती बोलती है लेकिन शाहरुख,सलमान की तरह समाज सेवा में आगे नज़र नहीं आते। अमिताभ बच्चन भी कभी खुद के पैसों से समाज सेवा करते नज़र नहीं आए।

एक बार विदेश यात्रा के दौरान अमेरिकी फौजियों को उन्होंने खाने के लिए पैसे दिए तो तुरंत इसका जिक्र ब्लॉग पर कर डाला । शाहरुख की लोकप्रियता बच्चन परिवार से भी ज्यादा है इसलिए शाहरुख को आईफा से जोड़ा गया और शाहरुख भी पिछली बातें भूलते हुए आईफा से जुड़ गए ।

शाहरुख जहां विदेशों में लोकप्रिय हैं वहीं सलमान खान भी देश-विदेश में बेहद लोकप्रिय हैं । उनके प्रशंसकों की संख्या करोड़ों में हैं । भले ही उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बड़ा कारनामा दिखाने में अकसर असफल हो जाती हों । "वीर" के लिए उन्होंने जी-तोड़ कोशिश की थी लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह लुढ़क गई थी । हालांकि सलमान को अपने पिता सलीम की तरह ही लिखने का बेहद शौक और जज्बा भी है लेकिन उनके विचारों को बखूबी परदे पर उतारने वाला निर्देशक उन्हें नहीं मिल पा रहा । यूं तो सलमान खान हर तरह के किरदार बखूबी निभाते हैं पर बोनी कपूर की "वांटेड" में उन्होंने अपना वह जलवा दिखाया था जो दर्शक उनसे देखना चाहते हैं । सलमान खान एक संपूर्ण कलाकार हैं । वह चित्रकारी भी करते हैं, एनजीओ भी चलाते हैं, गरीब बच्चों की मदद करते हैं और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा आगे नजर आते हैं । आईफा में उन्होंने एक लाख डॉलर की राशि भेंट में दे दी जिससे बेघरों के लिए घर बनाए जाएंगे । बीइंग ह्‌यूमन नाम से सलमान ने एक एनजीओ की स्थापना की है । इसके तहत ही वह मदद करते हैं । आईफा पुरस्कार समारोह में इसी एनजीओ की ओर से उन्होंने एक क्रिकेट मैच का आयोजन किया है । सलमान ने आईफा की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्हें पुरस्कारों से कोई लेना-देना नहीं है । वह आईफा के चैरिटी के ब्रैंड एंबेसडर हैं और चैरिटी के लिए वह आईफा में हिस्सा ले रहे हैं । ऐश्वर्य राय एपिसोड के बाद बच्चन परिवार के साथ उनके रिश्ते में खटास आई थी लेकिन उन्होंने उसे भुला दिया । अमिताभ को आईफा से दूर रखने का मतलब सीधा है कि उनका जादू खत्म होता जा रहा है और उनकी लोकप्रियता में कमी आ रही है ।

हालांकि बॉलीवुड के ट्रेड विश्लेषक कोमल नाहटा इससे भिन्न विचार रखते हैं । जब उनसे पूछा गया कि कहीं अमिताभ का जादू खत्म तो नहीं हो गया तो उन्होंने कहा कि अमिताभ का जादू कभी खत्म नहीं हो सकता । वह लीजेंड हैं और लीजेंड का जादू कभी खत्म नहीं होता । उन्होंने कहा, "उनकी जगह कोई नहीं ले सकता है । वह सिर्फ आज ही प्रभावी नहीं हैं बल्कि उन्होंने देश की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है और आज भी कर रहे हैं।" नाहटा कहते हैं, "हर कलाकार का एक वक्त होता है । कोई आज चर्चा में है तो कल नहीं होगा । लेकिन अमिताभ वक्त से परे हैं । वह पहले भी चर्चा में थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे । उम्र और बीमारी की वजह से उनके काम पर लगाम अवश्य लगी होगी लेकिन आप एक बात देखिए आज वह इस उम्र में भी सुबह से लेकर देर रात तक कार्यरत रहते हैं । मुझे नहीं लगता कि आज का कोई कलाकार इतने लंबे समय तक दर्शकों की नजरों में टिका रह सकता है ।"

शायद नाहटा का कहना सही है क्योंकि आज अमिताभ के साथ कई युवा निर्देशक जहां काम करने के लिए तैयार हैं, वहीं कई कंपनियां भी उन्हें अपना ब्रैंड एंबेसडर बनाना चाहती हैं क्योंकि अमिताभ की दर्शकों के दिलों में एक चरित्रवान व्यक्ति के रूप में इमेज है और कंपनियां उसी इमेज को कैश करना चाहती हैं । कुछ वर्ष पहले जब खाड़ी देशों की सबसे चर्चित ज्वैलरी कंपनी दमास ने भारत में अपना कदम रखने की योजना बनाई तब उन्होंने अमिताभ बच्चन को ही अपना ब्रैंड एंबेसडर बनाया था । उस समय दमास के कार्यकारी संचालक त्वाहिद अब्दुल्ला ने अमिताभ के चयन के बारे में बताया था, "हमारी कंपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि वाली कंपनी है और लाखों ग्राहकों का हम पर भरोसा है । हिंदुस्तान के ग्राहक हम पर भरोसा करें इसलिए हमें ऐसे चेहरे की तलाश थी जिस पर पूरा हिंदुस्तान भरोसा करता हो । जब हमने ऐसे नामों पर सोचना शुरू किया तो सबसे पहला नाम अमिताभ बच्चन का ही सामने आया । पहले तो हम अमित जी से पूछने से ही डर रहे थे क्योंकि पता नहीं वे हां कहेंगे या नहीं मगर हमारी कम्पनी को जांचा-परखा और तब ब्रैंड एंबेसडर बनने के लिए हां कर दी। हिंदुस्तान में हमारा प्रवेश हिंदुस्तान के चहेते और भरोसेमंद अभिनेता नहीं, बल्कि भरोसेमंद व्यक्ति के माध्यम से हो रहा है। यह अमिताभ का ढलती उम्र में बरकरार जादू ही था कि कुछ वर्ष पहले जब कैडबरी चॉकलेट में कीड़े निकले और लोगों के बीच इस कंपनी की लोकप्रियता का ग्राफ तेज़ी से गिरा तब कैडबरी को फिर से अपनी जगह बनाने में अमिताभ के व्यक्तित्व की ज़रूरत पड़ी और उन्होंने अमिताभ को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया।

अमिताभ न सिर्फ एक महान अभिनेता होने के बावजूद अपने घर,हर परिवार को अपने भाई,बेटे से लगते हैं बल्कि आज की पीढी के कई युवा भी उनमें अपना चरित्र ढूंढने की कोशिश करते हैं। सार्वजनिक तौर पर काम करने वाली और सेवाएं देने वाली कंपनियां अमिताभ को ही अपना ब्रांड एंबेसडर बनाती हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने जब बीमा सेवा की शुरुआत की,तो सबसे पहले उन्होंने अमिताभ को ही ब्रैंड एंबेसडर बनाया। उसके बाद उन्होंने बैंकिंग कारोबार के लिए भी अमिताभ को ही अपना ब्रांड एंबेसडर बना लिया,हालांकि जब विदेशों में बैंक की साख बनाने की बात आई,तो उन्होंने शाहरुख को अपना ब्रैंड एंबेसडर बनाया क्योंकि वह विदेशों में ज्यादा लोकप्रिय माने जाते हैं। रीड एंड टेलर और पार्कर जैसी कंपनियों ने भी हिंदुस्तान में अपने पांव पसारने के लिए अमिताभ की मदद ली। अमिताभ ने अब तक कई विज्ञापनों में काम किया और आज भी कर रहे हैं। विज्ञापनों में काम करने के बारे में अमिताभ ने कहा था,"मैं फिल्मों में काम करने वाला कलाकार हूं। तीस सेकेंड की विज्ञापन फिल्मों में आपको दर्शकों को आकर्षित करना होता है जो बेहद कठिन काम है लेकिन मैं सीख गया हूं।' अमिताभ का इस उम्र में भी सीखने का जज़्बा युवा कलाकारों को प्रेरित करता है। अमिताभ में विनम्रता भी कूट-कूट कर भरी हुई है और प्रायः वह सच बोलते नज़र आते हैं। गौरांग दोशी की फिल्म "दीवार" के सेट पर अमिताभ से बातचीत के दौरान बहुत सारे विज्ञापनों में काम करने की बाबत पूछा गया,तो उन्होंने इसे पैसा कमाने की इच्छा से जोड़ दिया। उन्होंने कहा,"अत्यधिक विज्ञापनों में काम करने का राज़ है-पैसा कमाना । यह तो सब को पता है कि मेरी कम्पनी कर्ज़ में डूबी हुई थी । कर्ज़ चुकाकर मैं फिर से अपनी कंपनी खड़ा करना चाहता हूं। मैं अभिनेता हूं और सिर्फ अभिनय कर सकता हूं इसलिए ज्यादा से ज्यादा काम करने की कोशिश करता हूं। यह लोगों का बड़प्पन है जो मुझे इस उम्र में भी काम दे रहे हैं। जब तक मेरा शरीर साथ दे रहा है,काम करता रहूंगा।'

आज अमिताभ तेल और सीमेंट आदि उत्पादों का प्रचार करते नज़र आ रहे हैं। हक़ीकत यह है कि आज उनके पास कोई बड़ा ब्रांड नहीं है। बड़े ब्रैंड आमिर,शाहरुख,सलमान,हृतिक और रणबीर जैसे सितारों के पास जा रहे हैं। अमिताभ की तरह ही आमिर की दर्शकों में अच्छी इमेज है इसलिए आमिर जिस उत्पाद से जुड़ते हैं,उसकी खपत बढ़ जाती है। शाहरुख भी अमिताभ के ही नक्शे कदम पर चल रहे हैं। कहा जाता है कि मन्नत बंगला खरीदने के लिए शाहरुख ने एक बड़े हीरा व्यापारी से कर्ज़ लिया था और उस कर्ज़ को चुकता करने के लिए उसकी फिल्मों में काम किया,कड़ी मेहनत की और कर्ज़ चुका कर मन्नत पूरी कर ली।

शाहरुख भी अमिताभ की तरह नई तकनी के के मुरीद हैं। अमिताभ बच्चन ने जब फेसबुक, ऑर्कुट और ब्लॉग का प्रचलन बढ़ गया तब कलाकारों ने अपने अकाउंट बना कर अपने प्रशंसकों से संपर्क में रहने की कोशिश शुरू की । इनमें शाहरुख से लेकर शिल्पा शेट्टी तक और रणबीर से लेकर नई नायिकाओं तक सभी ने अकाउंट शुरू किया था । इसके बाद जब से ट्विटर का प्लेटफॉर्म सामने आया तब से तो लगभग हर कलाकार ट्विट करने लगा है । दुनिया में कुछ भी हो कलाकार ट्विट कर देते हैं और फिर उसे खबरों में स्थान मिलने लगता है । अमिताभ अपने ब्लॉग से प्रशंसकों के साथ संपर्क में रहते थे लेकिन अब वह भी ट्विटर के माध्यम से अपनी बात प्रशंसकों तक पहुंचाने लगे हैं । उन्हें प्रचार पाने का और एक नया जरिया मिला है । अमिताभ आए दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहना चाहते हैं और उनके लिए फेसबुक, ऑर्कुट, ब्लॉग और अब ट्विटर का सहारा मिल रहा है । विदेश यात्रा के दौरान अमेरिकी फौजियों को उन्होंने खाने के लिए पैसे दिए तो तुरंत इसका जिक्र ब्लॉग पर कर डाला(चंद्रकांत शिंदे,संडे नई दुनिया,30.5.2010)।

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