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Thursday, September 9, 2010

रहमान की धुन पर थिरकने से इनकार !

ऑस्कर अवार्ड विजेता भारतीय संगीतकार ए.आर. रहमान की धुनों पर भले ही हर किसी के पैर थिरकने लगते हों, लेकिन देश के शीर्ष शास्त्रीय नर्तकों ने उनकी धुन पर नाचने से इंकार कर दिया है। रहमान ने इन खेलों के लिए जो धुन तैयार की है, उसे इन कलाकारों ने कच्चा बता कर ठुकरा दिया है। अब कथक गुरू बिरजू महराज और ओडिसी नृत्यांगना सोनल मानसिंह जैसे देश के छह शीर्ष कलाकार अपने लिए खुद संगीत बना रहे हैं। दैनिक जागरण के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक, उद्घाटन समारोह के दौरान मंच पर छह शास्त्रीय विधाओं में होने वाले नृत्य को तैयार कर रहे गुरुओं ने राष्ट्रमंडल खेल के लिए गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) को साफ कह दिया है कि रहमान के संगीत पर नृत्य तैयार करना उनके लिए संभव नहीं। समारोह के बोधि वृक्ष नाम के सबसे महत्वपूर्ण खंड में शामिल इन कलाकारों का कहना है कि रहमान ने लंबे समय तक इस खंड के लिए कोई संगीत ही तैयार नहीं किया। अब जो संगीत उन्होंने बनाया भी है, वह इस लायक नहीं कि उस पर कोई ढंग का नृत्य पेश किया जा सके। इन्होंने जीओएम को कहा है कि यह तो गनीमत है कि इस पहलू पर उन्होंने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी और उनका संगीत भी लगभग तैयार है। सभी नृत्य रहमान की धुन पर नहीं नाचेंगे! गुरु साथ बैठ कर इसे अंतिम रूप दे रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान देश की शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर आधारित खंड बोधि वृक्ष (ट्री ऑफ नॉलेज) में ए.आर. रहमान की बनाई एक ही धुन पर सभी शैलियों में एक साथ नृत्य होना था। कुल 480 शास्त्रीय कलाकारों को अपनी-अपनी शैलियों में इस धुन पर नृत्य करवाने की जिम्मेदारी सभी शैलियों के शीर्ष गुरुओं पर डाली गई थी। इन कलाकारों द्वारा जीओएम को अपनी समस्या बताए जाने के बाद समारोह के प्रबंधन का काम देख रही विजक्राफ्ट इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट के क्रिएटिव प्रमुख भारत बाला ने भी माना है कि यह संगीत शास्त्रीय कलाकारों के मुफीद नहीं है। उनके मुताबिक, कलाकारों को अपने संगीत पर ही नृत्य करने दिया जाए। हालांकि, जीओएम नहीं चाहता कि इस विवाद का असर कार्यक्रम पर पड़े। उसने विजक्राफ्ट को साफतौर पर कह दिया है कि किस मामले पर किसका और किसके साथ मतभेद है, यह देखना इस कंपनी का काम है। अगर समय पर श्रेष्ठ कार्यक्रम नहीं हुआ तो उसे ही जिम्मेदार माना जाएगा। जीओएम ने भारत बाला को समापन समारोह हो जाने तक राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के दिल्ली स्थित दफ्तर में ही टिके रहने को कहा है, ताकि इस संबंध में सभी फैसले समय से लिए जा सकें(मुकेश केजरीवाल,दैनिक जागरण,दिल्ली,9.9.2010)।

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