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Saturday, May 21, 2011

पहली बार भोजपुरी सिनेमा के लिए अवॉर्ड

भोजपुरी सिनेमा के 50 साल पूरे होने पर मुंबई की ‘भोजपुरी सिटी‘ पत्रिका ने पहली बार भोजपुरी सिनेमा के लिए हर श्रेणी में अवॉर्ड देने की घोषणा मुंबई मे एक प्रेस कांफ्रेंस में की। ‘भोजपुरी मीडिया’ के प्रकाशन का यह चौथा वर्ष है और इस बीच पत्रिका ने न सिर्फ भोजपुरी, वरन पूरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली है। उल्लेखनीय है कि 2 जून को होने वाले इस अवॉर्ड समारोह का मीडिया पार्टनर सहारा न्यूज नेटवर्क है। मंच से बोलते हुए समारोह के सव्रेसर्वा किशन खदरिया ने स्वीकार किया कि ‘सहारा इंडिया परिवार ने मुझे सही मायने में सहारा दिया है। आज मेरी खुशी का कोई ओर छोर नहीं है। हमारी पत्रिका प्रकाशन के चौथे वर्ष में प्रवेश कर गई है और आज भोजपुरी सिनेमा सौ करोड़ रुपए का कारोबार कर रहा है। वैसे तो मैं राजस्थानी हूं, लेकिन पता नहीं क्यों मुझे बिहार और भोजपुरी सिनेमा से प्यार हो गया है।’

मंच पर सहारा इंडिया परिवार का प्रतिनिधित्व श्री रूबल दत्ता ने किया। उन्होंने कहा, ‘सहारा इंडिया परिवार कामना करता है कि यह अवॉर्ड ट्रेंड सेटर बने।’ दीप प्रज्जवलन युवा अभिनेता आफताब शिवदासानी और अभिनेत्री अदिति गोवित्रीकर के हाथों संपन्न हुआ। इस मौके पर आफताब ने कहा, ‘मुझे पहली बार पता चला कि भोजपुरी सिनेमा को 50 वर्ष हो गए। आप पहली बार अवॉर्ड देने जा रहे हैं। मेरी कामना है कि भोजपुरी सिनेमा और आगे बढ़े। हिंदी में तो इतने सारे अवॉर्ड हैं कि हर अवॉर्ड का नाम भी याद नहीं रहता।’

भोजपुरी सिनेमा के लीजेंड कहे जानेवाले कलाकार राकेश पांडे ने भोजपुरी सिनेमा की यात्रा और दशा-दिशा पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि कैसे भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने चाहा था कि भोजपुरी सिनेमा का भी निर्माण हो। उनकी प्रेरणा से भारत की पहली भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’

सन् 1961 में बननी शुरू हुई और सन् 1962 में रिलीज हुई। इस फिल्म को बनाने में नजीर हुसैन साहब की महत्वपूर्ण भूमिका थी और उन्हीं की कहानी पर फिल्म बनी थी। इस फिल्म के निर्माता विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी और निर्देशक कुंदन कुमार थे। फिल्म में असीम कुमार, कुमकुम, हेलन और बेबी पद्मा खन्ना ने काम किया था। भोजपुरी की यह पहली ही फिल्म सुपर डुपर हिट हुई थी। कार्यक्रम समाप्त होने तक भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार मनोज तिवारी भी पहुंच गए। उन्होंने पहुंचते ही अपने दिलकश अंदाज में कहा, ‘मैं तो हूट का हकदार हूं, क्योंकि मैं इतनी देर से आया। इस पर भी मेरा स्वागत हो रहा है जिससे मैं खुश हूं। मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि भोजपुरी सिनेमा पर केंद्रित पत्रिका ‘भोजपुरी सिटी‘ को ही भोजपुरी सिनेमा के अवॉर्ड देने का हक है।’

‘भोजपुरी सिटी’ के संपादक अखिलेश ने बताया कि, ‘अब हम पूरी फिल्म इंडस्ट्री को रिप्रजेंट करने लगे हैं। हम दो प्रकार के अवॉर्ड देने जा रहे हैं। पहला जूरी अवॉर्ड और दूसरा पॉपुलर अवॉर्ड। यह अवॉर्ड जनवरी से दिसम्बर 2010 के बीच रिलीज हुई भोजपुरी फिल्मों में से प्रत्येक श्रेणी में दिया जाएगा।’

अंत में उदित नारायण, आफताब शिवदासानी, राकेश पांडे और अदिति गवित्रीकर के हाथों अवॉर्ड की ट्रॉफी का अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम की सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि हिंदी फिल्मों के सफल गायक उदित नारायण ने अपना वक्तव्य शुद्ध भोजपुरी में दिया और उन्होंने एक पॉपुलर भोजपुरी गीत की दो पंक्तियां भी गाकर सुनाई जिस पर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। इस कार्यक्रम में भोजपुरी सिनेमा के प्रमुख निर्देशक, कलाकार और निर्माता मौजूद थे(राष्ट्रीय सहारा,मुंबई,20.5.11)।

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