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Tuesday, April 6, 2010

क्लैश ऑफ द टाइटन्स/महायुद्धः फ़िल्म-समीक्षा

इस हफ्ते रिलीज हुई एक प्रमुख अंग्रेजी फिल्म है क्लैश ऑफ द टाइटन्स जिसे हिंदी में महायुद्ध के रूप में डब किया गया है। फिल्म में मुख्य भूमिका सैम वर्दिंगटन,राल्फ फिनेस,गेमा एटर्टन और लिआम नीसन की है। एक घंटे 46 मिनट की इस एक्शन फिल्म का निर्देशन किया है लुइस लेटेरियर ने।
परसियस(सैम वर्दिंगटन) देवपुत्र है मगर इंसानों की तरह पाला गया है। अदम्य युद्ध साहस के कारण वह उन सब के लिए चुनौती बनना चाहता है जो दुनिया पर अपना साम्राज्य कायम करना चाहते हैं। दूसरी ओर है काली दुनिया का देवता हेडिस (रॉल्फ फिनेस) जिसके कहर से परसियस को अपना परिवार खोना पडा है। दुनिया को नर्क बनाने का ख्वाब देखने वाला एक तीसरा जियस(लिआम नीसन) भी है। आगे की कहानी परसियस के देवशक्ति हासिल करने के प्रयास की है ताकि वह दुनिया को बचा सके।
टाइम्स ऑफ इंडिया में निखत काजमी की टिप्पणी है कि कथा पौराणिक है और यह फिल्म नई नहीं लगती। एक तो इसलिए कि इसमें पुश-बटन फैंटेसी काफी ज्यादा है और दूसरी इसलिए कि पूरी फिल्म स्पेशल इफेक्ट पर आधारित है जिसके कारण दैत्य स्वाभाविक नहीं लगते। हिंदुस्तान टाइम्स में राशिद ईरानी ने माना है कि 1981 की यह रीमेक दर्शकों के धैर्य का इम्तिहान लेती है। उनके मुताबिक,फिल्म की कहानी का अंदाजा पहले से होने लगता है। दूसरी तरफ,हिंदुस्तान में विशाल ठाकुर को निर्देशन बहुत पसंद आया और उनके हिसाब से फिल्म में पर्याप्त रोमांच है।
निखत काजमी ने लिखा है कि इस फिल्म के लिए थ्री-डी का विचार शायद देर से लिया गया और यही कारण है कि यह अवतार जैसा प्रभाव नहीं छोड़ पाती। उनके मुताबिक,दोनों फिल्मों की एकमात्र समानता है सैम वर्दिंगटन की मौजूदगी मगर यहां उनसे अवतार जैसे चमत्कार की उम्मीद न रखिए।
राशिद ईरानी को किसी भी कलाकार के अभिनय ने प्रभावित नहीं किया। उन्होंने कैमरा वर्क को भी घटिया करार दिया है और बैकग्राउंड म्यूजिक को किसी चलताउ फिल्म सा माना है। वे लिखते हैं कि इस तरह की फिल्म में आश्चर्य का जो फैक्टर अनिवार्य होता है,वह यहां से गायब है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने इसे दो जबकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने तीन स्टार दिए हैं। हिंदुस्तान ने एक्शन और मनोरंजन के आधार इसे मस्त श्रेणी में रखा है जिसे साढे तीन स्टार के बराबर माना जा सकता है।

2 comments:

  1. कटेगरी क्या है साईंस फिक्शन या फिक्शन !

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  2. यह शुद्ध रूप से फिक्शन फिल्म है।

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