अच्छी व सार्थक फिल्मों के शौकीनों के लिए खुशखबरी है। द्वितीय पटना फिल्मोत्सव चार दिसंबर से शुरू हो रहा है । कालिदास रंगालय में तीन दिनों तक चलने वाले इस फिल्मोत्सव में छोटी-बडी 14 फिल्में दिखायी जाएंगी। यह फिल्मोत्सव महिला शताब्दी वर्ष को समर्पित होगा। आखिरी दिन छह दिसंबर को चार महिला निर्देशकों की फिल्में दिखायी जाएंगी। इस वर्ष की सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म ‘कुप्ती स्रैंक ’ से फिल्मोत्सव का पर्दा उठेगा। जन संस्कृति मंच (जसम) व हिरावल की ओर से इस फि ल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है । जसम के सचिव संतोष झा ने बताया कि सर्वश्रेष्ठ निदेशक का राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके व बेहतरीन कै मरामैन के रूप में चर्चित शाजी एन.करुण इस उत्सव का उद्घाटन करेंगे। पहले दिन उनकी ही फिल्म से उत्सव शुरू होगा। फिल्म प्रदर्शन के बाद वे दर्शकों से मुखातिब होंगे। छह दिसंबर को दिल्ली से आयीं फिल्मकार अनुपमा श्रीनिवासन दर्शकों से रू-ब-रू होंगी। फिल्मोत्सव के दूसरे दिन आकर्षण रहेगा नाटक ‘समझौता’ का मंचन। एनएसडी स्नातक प्रवीण गुंजन नाटक के निर्देशक व मानवेन्द्र त्रिपाठी नायक होंगे। इसकी तैयारी को लेकर एक बैठक हुई, जिसमें स्वागत समिति का गठन भी हुआ। समिति की अध्यक्ष मीरा मिश्रा होंगी। सदस्यों में फिल्म निर्देशक गिरीश रंजन, आरएन दास, भारती एस. कु मार, डे जी नारायण, प्रीति सिन्हा, डा. विनय कुमार, प्रतिभा, डा. एनके चौधरी, अरशद अजमल, अरुण कुमार सिन्हा, डा. सत्यजीत, उषा किरण खां, कुणाल, अग्निपुष्प, शेखर, कर्मेंदु शिशिर व अशोक शामिल हैं (हिंदुस्तान,पटना,30.11.2010)
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