यह ऐसी स्कि्रप्ट थी, जो पहले से नहीं लिखी गई थी। शुक्रवार को फिल्मी दुनिया के वरिष्ठ फोटोग्राफर गौतम राजाध्यक्ष की पुस्तक चेहरे का विमोचन था और इसमें गुजरे चार दशकों के वे तमाम खूबसूरत चेहरे मौजूद थे, जिन्हें इस फोटोग्राफर ने कैमरे में कैद किया था। जब पुस्तक का विमोचन हो गया और लगा कि अब कुछ बाकी नहीं, तब ऐसा कुछ हुआ जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। कार्यक्रम में मौजूद रेखा ने आगे बढ़ कर जया बच्चन को गले लगा लिया! 1981 में आई फिल्म सिलसिला में परदे पर रेखा और जया आखिरी बार आमने-सामने दिखी थीं। उसके बाद करीब तीन दशक बीतने को आए, दोनों को साथ नहीं देखा गया। बात करना तो बहुत दूर। दोनों एक कार्यक्रम में शामिल होने से बचती रहीं। यदि ऐसा हुआ भी, तो एक-दूसरे से नजर मिलाने से बचती रहीं। महानायक अमिताभ बच्चन और जया के विवाह के बाद अमिताभ-रेखा की प्रेम चर्चा तमाम फिल्मी पत्रिकाओं में सुर्खियां बनती रहीं और लोग तरह-तरह की अटकलें लगाते रहें। लेकिन आठवें दशक के अंत तक तस्वीर बदल गई और अमिताभ-रेखा कई कार्यक्रमों में दिखने के बावजूद एक-दूसरे को नजर अंदाज करते रहे। कहानी में ट्विस्ट पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में जया बच्चन ने रेखा को नजरअंदाज करने की पूरी कोशिश की। मंच से उन्होंने उम्दा अभिनेत्रियों के रूप में हेमा मालिनी, पद्मिनी कोल्हापुरे और काजोल के नाम तो लिए, लेकिन सामने पहली पंक्ति में बैठीं रेखा का नाम नहीं लिया। लेकिन जब वह मंच से उतरीं, तो उनका सामना अचानक रेखा से हो गया। दरअसल, रेखा गायिका आशा भोंसले के बगल की सीट पर बैठी थीं। जया समारोह से निकलने से पहले आशा से मिलने पहुंची और उनकी नजर रेखा से टकरा गई। जया ने रेखा को अनदेखा करने की कोशिश की, लेकिन तब तक रेखा मुस्कुराते हुए खड़ी हो गई और उन्होंने जया की तरफ अपने दोनों हाथ बढ़ा दिए। जया कुछ झिझकीं, लेकिन फिर आगे बढ़ीं। तब रेखा ने उन्हें गले लगा लिया। जया ने इसकी कल्पना नहीं की थी, इसलिए उनके चेहरे पर खुशी से अधिक आश्चर्य के भाव आए। जया और रेखा का गले मिलना हर देखने वाले के लिए हैरानी का विषय बन गया। जया और रेखा कुछ पल ऐसे हंसकर बातें करती रहीं जैसे उनके बीच कभी मनमुटाव ही नहीं था(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,20.6.2010)।
No comments:
Post a Comment
न मॉडरेशन की आशंका, न ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति का इंतज़ार। लिखिए और तुरंत छपा देखिएः