एकता कपूर ने ७० के दशक के मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई नाम से फिल्म बनाई है जो जल्द ही प्रदर्शित होने वाली हैं, लेकिन लगता है इसमें अब रो़ड़े आने वाले हैं। पूर्व अभिनेत्री और हाजी मस्तान की बीवी सना ने एकता को एक दिन का समय देते हुए कहा है कि वह उन्हें फिल्म दिखाएं, उनसे इजाजत ले तो ही वह फिल्म प्रदर्शित करने देगी।
नईदुनिया से विशेष रूप से बातचीत करते हुए सना ने बताया, पिछले दो-ढाई साल से मैं इस फिल्म के बारे में सुन रही हूं। कहा जा रहा है कि यह फिल्म हाजी साहब की जीवनी पर है, लेकिन इस दौरान एकता की ओर से मुझसे किसी ने भी संपर्क नहीं किया और न ही मुझे फिल्म की कहानी सुनाई गई। हम हमेशा परदे के पीछे रहे हैं। हाजी साहब और मैंने कोई रोमांस नहीं किया था, हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और हमने ८४ में शादी कर ली। मैंने सुना है कि फिल्म में हम दोनों के किरदारों को रोमांस करते हुए दिखाया है जो गलत है। मैं नहीं चाहती कि हमारे बारे में कुछ गलत जानकारियां लोगों तक पहुंचे। सना ने बताया अगर एकता मुझे फिल्म नहीं दिखाती हैं तो मेरे पास सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है कानून का दरवाजा खटखटाने का। मैं अदालत जाकर फिल्म का प्रदर्शन रोकने की अपील करूंगी।
फिल्म बनने तक आप चुप क्यों बैठी रहीं पूछने पर सना ने कहा कि मैं चाहती थी कि फिल्म के निर्माता मेरे पास आए । उन्हें हमसे राय लेनी जरूरी थी। मैं उनके आने का इंतजार कर रही थी। वह नहीं आए इसलिए आज मैंने यह फैसला लिया है। मैं उनके पास क्यों जाती, मैंने तो नहीं कहा कि वह हमारी जीवनी पर फिल्म बनाएं। उन्हें मेरे पास आना चाहिए था(चंद्रकांत शिंदे,नई दुनिया,दिल्ली,23.7.1010)।
नईदुनिया से विशेष रूप से बातचीत करते हुए सना ने बताया, पिछले दो-ढाई साल से मैं इस फिल्म के बारे में सुन रही हूं। कहा जा रहा है कि यह फिल्म हाजी साहब की जीवनी पर है, लेकिन इस दौरान एकता की ओर से मुझसे किसी ने भी संपर्क नहीं किया और न ही मुझे फिल्म की कहानी सुनाई गई। हम हमेशा परदे के पीछे रहे हैं। हाजी साहब और मैंने कोई रोमांस नहीं किया था, हम दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और हमने ८४ में शादी कर ली। मैंने सुना है कि फिल्म में हम दोनों के किरदारों को रोमांस करते हुए दिखाया है जो गलत है। मैं नहीं चाहती कि हमारे बारे में कुछ गलत जानकारियां लोगों तक पहुंचे। सना ने बताया अगर एकता मुझे फिल्म नहीं दिखाती हैं तो मेरे पास सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है कानून का दरवाजा खटखटाने का। मैं अदालत जाकर फिल्म का प्रदर्शन रोकने की अपील करूंगी।
फिल्म बनने तक आप चुप क्यों बैठी रहीं पूछने पर सना ने कहा कि मैं चाहती थी कि फिल्म के निर्माता मेरे पास आए । उन्हें हमसे राय लेनी जरूरी थी। मैं उनके आने का इंतजार कर रही थी। वह नहीं आए इसलिए आज मैंने यह फैसला लिया है। मैं उनके पास क्यों जाती, मैंने तो नहीं कहा कि वह हमारी जीवनी पर फिल्म बनाएं। उन्हें मेरे पास आना चाहिए था(चंद्रकांत शिंदे,नई दुनिया,दिल्ली,23.7.1010)।
No comments:
Post a Comment
न मॉडरेशन की आशंका, न ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति का इंतज़ार। लिखिए और तुरंत छपा देखिएः