छत्तीसगढ़ बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब नौ महीने में 12 छत्तीसगढ़ी फिल्में रिलीज हो गईं। अगले तीन महीनों में इतनी ही फिल्में और रिलीज होने वाली हैं। इससे पहले नौ साल में केवल 36 छत्तीसगढ़ी फिल्में रिलीज हुईं थीं। हर छत्तीसगढ़ी फिल्म के साथ यहां तकनीक आगे बढ़ रही है। फिल्म से संबंधित सभी तरह के काम अब शहर में ही हो रहे हैं।
10 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिल्में
शुरुआती छत्तीसगढ़ी फिल्मों का निर्माण 1 से 5 लाख रुपए में हो गया लेकिन अब इन पर 15 से 40 लाख रुपए तक खर्च हो रहा है। इस साल 24 से ज्यादा फिल्मों में १क् करोड़ रुपए से ज्यादा का इनवेस्टमेंट हो गया है। सफल फिल्मों ने 20 से 80 लाख रुपए तक का फायदा कमाया है।
छत्तीसगढ़ी कलाकारों का पारिश्रमिक भी कई गुना बढ़ गया है। राज्य बनने के समय मुख्य हीरो को 25 हजार और अभिनेत्री को 10 हजार दिए जाते थे। अभी अभिनेता को 25 हजार से 5 लाख और अभिनेत्री को 20 हजार से 1 लाख रुपए तक मिल रहे हैं।
ये फिल्में रिलीज
भांवर, बंधना, परशुराम, गुरांवट, मया के बरखा, मया के फूल, मोर करम मोर धरम, टूरा रिक्शावाला, मया देदे मयारू, महूं दीवाना तहूं दीवानी, टूरी नंबर वन, एवं छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।
3 महीने में आने वाली फिल्में
हीरो नंबर वन, महतारी, बिदाई, बैरी सजन, गम्मतिहा, सजना मोर, मितान 420, मंगलसूत्र, मोर गांव, ए मोर बंटहा, तोला ले जाहूं ओढ़रिया एवं परेम के जीत।
इनका कहना है
सुविधाएं मिलने के साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण में तेजी आई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने कम समय में इतनी फिल्में रिलीज हुई हैं। यही वजह है कि मुंबई और भोजपुरी फिल्मों के कलाकार एवं निर्माता-निर्देशक छत्तीसगढ़ की ओर रुख कर रहे हैं-योगेश अग्रवाल,अध्यक्ष छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन
2010 छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए सुनहरा इतिहास लिख रहा है। नौ साल में जितनी फिल्में नहीं बनीं एक साल में उतनी फिल्में बन रही हैं। आने वाले समय में सुविधाएं और बढ़ती हैं तो एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा-अनुज शर्मा,अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सिने एवं टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन(असगर खान,दैनिक भास्कर,रायपुर,23.9.2010)।
10 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिल्में
शुरुआती छत्तीसगढ़ी फिल्मों का निर्माण 1 से 5 लाख रुपए में हो गया लेकिन अब इन पर 15 से 40 लाख रुपए तक खर्च हो रहा है। इस साल 24 से ज्यादा फिल्मों में १क् करोड़ रुपए से ज्यादा का इनवेस्टमेंट हो गया है। सफल फिल्मों ने 20 से 80 लाख रुपए तक का फायदा कमाया है।
छत्तीसगढ़ी कलाकारों का पारिश्रमिक भी कई गुना बढ़ गया है। राज्य बनने के समय मुख्य हीरो को 25 हजार और अभिनेत्री को 10 हजार दिए जाते थे। अभी अभिनेता को 25 हजार से 5 लाख और अभिनेत्री को 20 हजार से 1 लाख रुपए तक मिल रहे हैं।
ये फिल्में रिलीज
भांवर, बंधना, परशुराम, गुरांवट, मया के बरखा, मया के फूल, मोर करम मोर धरम, टूरा रिक्शावाला, मया देदे मयारू, महूं दीवाना तहूं दीवानी, टूरी नंबर वन, एवं छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।
3 महीने में आने वाली फिल्में
हीरो नंबर वन, महतारी, बिदाई, बैरी सजन, गम्मतिहा, सजना मोर, मितान 420, मंगलसूत्र, मोर गांव, ए मोर बंटहा, तोला ले जाहूं ओढ़रिया एवं परेम के जीत।
इनका कहना है
सुविधाएं मिलने के साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्मों के निर्माण में तेजी आई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने कम समय में इतनी फिल्में रिलीज हुई हैं। यही वजह है कि मुंबई और भोजपुरी फिल्मों के कलाकार एवं निर्माता-निर्देशक छत्तीसगढ़ की ओर रुख कर रहे हैं-योगेश अग्रवाल,अध्यक्ष छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन
2010 छत्तीसगढ़ी फिल्मों के लिए सुनहरा इतिहास लिख रहा है। नौ साल में जितनी फिल्में नहीं बनीं एक साल में उतनी फिल्में बन रही हैं। आने वाले समय में सुविधाएं और बढ़ती हैं तो एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा-अनुज शर्मा,अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सिने एवं टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन(असगर खान,दैनिक भास्कर,रायपुर,23.9.2010)।
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