भारत में विज्ञान फंतासी फिल्मों का अतीत बहुत सुनहरा नहीं रहा है। इसके बावजूद आजकल ऐसी दो फिल्में चर्चा में हैं। पहली तो है दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत की एंधिरन और दूसरी है हिन्दी फिल्मों के सुपर स्टार शाहरूख खान की रॉ वन। चर्चा का विषय यह है कि क्या बड़े बजट पर बनाई जा रही ये साई फाई फिल्में सफल हो पाएंगी? हालांकि अपने यहां मि. इंडिया, कोई मिल गया और कृष जैसी फिल्में सफल हुई हैं, लेकिन सीमित भारतीय बाजार के लिए बन रही इन महंगी फिल्मों के पीछे झांकती रिपोर्ट।
इस समय दो फिल्मों की जबर्दस्त चर्चा है। एक दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत की एंधिरन और दूसरी बॉलीवुड के सुपर स्टार शाहरुख खान की रॉ वन। मगर इन दोनों फिल्मों की चर्चा इनके सुपर स्टारों के कारण नहीं, बल्कि इसलिए है, क्योंकि ये दोनों फिल्में भारत में बनने वाली साई-फाई यानी विज्ञान फंतासी फिल्में हैं। टॉलीवुड से एंधिरन रोबोट शीर्षक से हिन्दी में डब कर सम्पूर्ण भारत में भी रिलीज की जा रही है। यह इत्तफाक ही है कि निर्देशक शंकर एंधिरन को शाहरुख खान के साथ ही बनाना चाहते थे। खान के इंकार करने पर वह कमल हासन के पास गये, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। रजनीकांत उनकी तीसरी पसन्द थे। रोबोट और रॉ वन विज्ञान फंतासी फिल्मों की श्रेणी में आती हैं। लेकिन दोनों में मूलभूत अंतर भी है। रोबोट की पृष्ठभूमि में जहां आज का विश्व है, वहीं रॉ वन वर्चुअल रियलिटी वर्ल्ड पर केन्द्रित है। रोबोट में रजनीकांत एक वैज्ञानिक बने हैं, जो एक रोबोट का निर्माण करते हैं। वह रोबोट हू-ब-हू रजनीकांत जैसा है। रॉ वन रैंडम एक्सेस-वर्जन वन से बने सुपर हीरो की कहानी है। इसमें विज्ञान का कम और कल्पना का सहारा ज्यादा लिया गया है।
बेशक एंधिरन/रोबोट में तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार रजनीकांत तथा रॉ वन में हिन्दी फिल्मों के सुपर स्टार शाहरुख खान के हीरो होने से ये दोनों फिल्में जबर्दस्त सुर्खियों में आ गयी हैं। मगर इन विज्ञान फंतासी फिल्मों की सफलता का सारा दारोमदार इन्हें देखने वाले दर्शकों पर रहेगा।
भारत में बनी विज्ञान फंतासी का इतिहास टटोल लेते हैं। भारत में पहली विज्ञान फंतासी फिल्म कादू तमिल भाषा में 1952 में बनी थी। यह फिल्म अमेरिकी सहयोग से बनी थी। 1960 के दशक में सत्यजित रे ने अपनी लिखी बांग्ला कहानी बांकूबाबुर बॉधु पर हॉलीवुड के स्टूडियो कोलम्बिया पिर्स से द एलियन बनाने की कोशिश की, लेकिन फिल्म शुरू ही नहीं हो सकी। बॉलीवुड में बनी बोनी कपूर की अनिल कपूर और श्रीदेवी अभिनीत फिल्म मिस्टर इंडिया ने एक बार फिर विज्ञान फंतासी फिल्मों की ओर दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया, लेकिन मिस्टर इंडिया की सफलता के बावजूद हिन्दी में विज्ञान फंतासी फिल्मों का सिलसिला नहीं बन सका। हिन्दी में मिस्टर इंडिया के अलावा कोई मिल गया, कृष, रूद्राक्ष, अपरिचित, टार्जन द वंडर कार, लव स्टोरी 2050 आदि फिल्में विज्ञान फंतासी फिल्मों में शुमार की जाती हैं।
अमूमन हिन्दी भाषा में बनी विज्ञान चमत्कार वाली फिल्में सफल नहीं होतीं। सुबी सेमुअल की फिल्म अलग, जहांगीर सुरती की फिल्म आ देखें जरा, शंकर की फिल्म अपरिचित, नितिन दास की फिल्म फॉर्मूला 66, हैरी बावेजा की फिल्म लव स्टोरी 2050, रूद्राक्ष, जाने कहां से आयी है, द्रोण और थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक जैसी फिल्मों का विज्ञान चमत्कार नहीं दिखा सका।
लव स्टोरी 2050 को ही लीजिए। इस फिल्म पर हैरी बावेजा ने पानी की तरह पैसा बहाया, पर कहानी नदारद थी। स्क्रिप्ट बेहद झोलदार और ढीली थी। फिल्म की रफ्तार भी काफी सुस्त थी। अमूमन ऐसी फिल्में तेज रफ्तार की होती हैं। दरअसल, सुपर पावर रखने वाले सुपर हीरो की इन फिल्मों को सुपर स्टार की जरूरत होती है। मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर तथा कृष और कोई मिल गया में ऋतिक रोशन सुपर हीरो की भूमिका कर रहे थे। यह तीनों फिल्में सुपर हिट रहीं। बेशक इन फिल्मों को अच्छी कहानी और चुस्त स्क्रिप्ट का भी सहारा मिला। ऐसा न होता तो रूद्राक्ष, द्रोण, लव स्टोरी 2050 आदि फिल्में बुरी तरह पिटती नहीं।
हिन्दी में मिस्टर इंडिया की सफलता के बावजूद 16 साल बाद दूसरी विज्ञान फंतासी फिल्म कोई मिल गया बनी। इससे साफ है कि भारत में विज्ञान फिल्मों का सिलसिला काफी धीमा है। ऐसी फिल्मों के प्रति निर्माताओं का खास रुझान नहीं। ऐसी फिल्मों में तकनीक शामिल होने के कारण इन्हें बनाने में काफी वक्त लगता है और पैसा भी, जबकि हिन्दी फिल्मों का बाजार सीमित है।
क्या रोबोट और रॉ वन हिट होंगी? इन दोनों फिल्मों में सुपर स्टार हैं, पर कहानी है क्या? रॉ वन शाहरुख खान की फिल्म से अधिक वीएफएक्स की फिल्म है अर्थात् इस फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स सुपर हीरो हैं। यदि दर्शकों को विज्ञान की तकनीक अपील कर गयी तो ये दोनों सुपर हीरो फिल्में सुपर हिट हो जाएंगी। पर इन फिल्मों की सफलता असफलता से बेखबर श्रीराम राघवन जॉन अब्राहम और ऐश्वर्या राय को लेकर हैप्पी बर्थ डे, विपुल शाह अक्षय कुमार और ऐश्वर्या राय के साथ एक्शन रीप्ले और राकेश रोशन कृष का सीक्वल बना रहे हैं। ये फिल्में सफल हो गयीं तो बॉलीवुड में भी विज्ञान फंतासी फिल्में बनाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
फिल्म : कृष
प्रदर्शित हुई : 2006 में
निर्देशक : राकेश रोशन
कलाकार : ऋतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा, रेखा, नसीरुद्दीन शाह
फिल्म : कोई.. मिल गया
प्रदर्शित हुई : 2003 में
निर्देशक : राकेश रोशन
कलाकार : ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा, रेखा, राकेश रोशन, प्रेम चोपड़ा
फिल्म : द्रोण
प्रदर्शित हुई : 2008 में
निर्देशक : गोल्डी बहल
कलाकार : अभिषेक बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, के. के. मेनन, जया बच्चन
फिल्म : रुद्राक्ष
प्रदर्शित हुई : 2004 में
निर्देशक : मणि शंकर
कलाकार : संजय दत्त, बिपाशा बसु, सुनील शेट्ठी, ईशा कोप्पिकर, कबीर बेदी
फिल्म : मि. इंडिया
प्रदर्शित हुई : 1987 में
निर्देशक : शेखर कपूर
कलाकार : अनिल कपूर, श्रीदेवी, अमरीश पुरी, सतीश कौशिक
फिल्म : लव स्टोरी 2050
प्रदर्शित हुई : 2008 में
निर्देशक : हैरी बावेजा
कलाकार : हरमन बावेजा, प्रियंका चोपड़ा, बोमन ईरानी, अर्चना पूरन सिंह
(राजेन्द्र काण्डपाल,हिंदुस्तान,दिल्ली,17.9.2010)
इस समय दो फिल्मों की जबर्दस्त चर्चा है। एक दक्षिण के सुपर स्टार रजनीकांत की एंधिरन और दूसरी बॉलीवुड के सुपर स्टार शाहरुख खान की रॉ वन। मगर इन दोनों फिल्मों की चर्चा इनके सुपर स्टारों के कारण नहीं, बल्कि इसलिए है, क्योंकि ये दोनों फिल्में भारत में बनने वाली साई-फाई यानी विज्ञान फंतासी फिल्में हैं। टॉलीवुड से एंधिरन रोबोट शीर्षक से हिन्दी में डब कर सम्पूर्ण भारत में भी रिलीज की जा रही है। यह इत्तफाक ही है कि निर्देशक शंकर एंधिरन को शाहरुख खान के साथ ही बनाना चाहते थे। खान के इंकार करने पर वह कमल हासन के पास गये, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। रजनीकांत उनकी तीसरी पसन्द थे। रोबोट और रॉ वन विज्ञान फंतासी फिल्मों की श्रेणी में आती हैं। लेकिन दोनों में मूलभूत अंतर भी है। रोबोट की पृष्ठभूमि में जहां आज का विश्व है, वहीं रॉ वन वर्चुअल रियलिटी वर्ल्ड पर केन्द्रित है। रोबोट में रजनीकांत एक वैज्ञानिक बने हैं, जो एक रोबोट का निर्माण करते हैं। वह रोबोट हू-ब-हू रजनीकांत जैसा है। रॉ वन रैंडम एक्सेस-वर्जन वन से बने सुपर हीरो की कहानी है। इसमें विज्ञान का कम और कल्पना का सहारा ज्यादा लिया गया है।
बेशक एंधिरन/रोबोट में तमिल फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार रजनीकांत तथा रॉ वन में हिन्दी फिल्मों के सुपर स्टार शाहरुख खान के हीरो होने से ये दोनों फिल्में जबर्दस्त सुर्खियों में आ गयी हैं। मगर इन विज्ञान फंतासी फिल्मों की सफलता का सारा दारोमदार इन्हें देखने वाले दर्शकों पर रहेगा।
भारत में बनी विज्ञान फंतासी का इतिहास टटोल लेते हैं। भारत में पहली विज्ञान फंतासी फिल्म कादू तमिल भाषा में 1952 में बनी थी। यह फिल्म अमेरिकी सहयोग से बनी थी। 1960 के दशक में सत्यजित रे ने अपनी लिखी बांग्ला कहानी बांकूबाबुर बॉधु पर हॉलीवुड के स्टूडियो कोलम्बिया पिर्स से द एलियन बनाने की कोशिश की, लेकिन फिल्म शुरू ही नहीं हो सकी। बॉलीवुड में बनी बोनी कपूर की अनिल कपूर और श्रीदेवी अभिनीत फिल्म मिस्टर इंडिया ने एक बार फिर विज्ञान फंतासी फिल्मों की ओर दर्शकों का ध्यान आकृष्ट किया, लेकिन मिस्टर इंडिया की सफलता के बावजूद हिन्दी में विज्ञान फंतासी फिल्मों का सिलसिला नहीं बन सका। हिन्दी में मिस्टर इंडिया के अलावा कोई मिल गया, कृष, रूद्राक्ष, अपरिचित, टार्जन द वंडर कार, लव स्टोरी 2050 आदि फिल्में विज्ञान फंतासी फिल्मों में शुमार की जाती हैं।
अमूमन हिन्दी भाषा में बनी विज्ञान चमत्कार वाली फिल्में सफल नहीं होतीं। सुबी सेमुअल की फिल्म अलग, जहांगीर सुरती की फिल्म आ देखें जरा, शंकर की फिल्म अपरिचित, नितिन दास की फिल्म फॉर्मूला 66, हैरी बावेजा की फिल्म लव स्टोरी 2050, रूद्राक्ष, जाने कहां से आयी है, द्रोण और थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक जैसी फिल्मों का विज्ञान चमत्कार नहीं दिखा सका।
लव स्टोरी 2050 को ही लीजिए। इस फिल्म पर हैरी बावेजा ने पानी की तरह पैसा बहाया, पर कहानी नदारद थी। स्क्रिप्ट बेहद झोलदार और ढीली थी। फिल्म की रफ्तार भी काफी सुस्त थी। अमूमन ऐसी फिल्में तेज रफ्तार की होती हैं। दरअसल, सुपर पावर रखने वाले सुपर हीरो की इन फिल्मों को सुपर स्टार की जरूरत होती है। मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर तथा कृष और कोई मिल गया में ऋतिक रोशन सुपर हीरो की भूमिका कर रहे थे। यह तीनों फिल्में सुपर हिट रहीं। बेशक इन फिल्मों को अच्छी कहानी और चुस्त स्क्रिप्ट का भी सहारा मिला। ऐसा न होता तो रूद्राक्ष, द्रोण, लव स्टोरी 2050 आदि फिल्में बुरी तरह पिटती नहीं।
हिन्दी में मिस्टर इंडिया की सफलता के बावजूद 16 साल बाद दूसरी विज्ञान फंतासी फिल्म कोई मिल गया बनी। इससे साफ है कि भारत में विज्ञान फिल्मों का सिलसिला काफी धीमा है। ऐसी फिल्मों के प्रति निर्माताओं का खास रुझान नहीं। ऐसी फिल्मों में तकनीक शामिल होने के कारण इन्हें बनाने में काफी वक्त लगता है और पैसा भी, जबकि हिन्दी फिल्मों का बाजार सीमित है।
क्या रोबोट और रॉ वन हिट होंगी? इन दोनों फिल्मों में सुपर स्टार हैं, पर कहानी है क्या? रॉ वन शाहरुख खान की फिल्म से अधिक वीएफएक्स की फिल्म है अर्थात् इस फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स सुपर हीरो हैं। यदि दर्शकों को विज्ञान की तकनीक अपील कर गयी तो ये दोनों सुपर हीरो फिल्में सुपर हिट हो जाएंगी। पर इन फिल्मों की सफलता असफलता से बेखबर श्रीराम राघवन जॉन अब्राहम और ऐश्वर्या राय को लेकर हैप्पी बर्थ डे, विपुल शाह अक्षय कुमार और ऐश्वर्या राय के साथ एक्शन रीप्ले और राकेश रोशन कृष का सीक्वल बना रहे हैं। ये फिल्में सफल हो गयीं तो बॉलीवुड में भी विज्ञान फंतासी फिल्में बनाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
फिल्म : कृष
प्रदर्शित हुई : 2006 में
निर्देशक : राकेश रोशन
कलाकार : ऋतिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा, रेखा, नसीरुद्दीन शाह
फिल्म : कोई.. मिल गया
प्रदर्शित हुई : 2003 में
निर्देशक : राकेश रोशन
कलाकार : ऋतिक रोशन, प्रीति जिंटा, रेखा, राकेश रोशन, प्रेम चोपड़ा
फिल्म : द्रोण
प्रदर्शित हुई : 2008 में
निर्देशक : गोल्डी बहल
कलाकार : अभिषेक बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, के. के. मेनन, जया बच्चन
फिल्म : रुद्राक्ष
प्रदर्शित हुई : 2004 में
निर्देशक : मणि शंकर
कलाकार : संजय दत्त, बिपाशा बसु, सुनील शेट्ठी, ईशा कोप्पिकर, कबीर बेदी
फिल्म : मि. इंडिया
प्रदर्शित हुई : 1987 में
निर्देशक : शेखर कपूर
कलाकार : अनिल कपूर, श्रीदेवी, अमरीश पुरी, सतीश कौशिक
फिल्म : लव स्टोरी 2050
प्रदर्शित हुई : 2008 में
निर्देशक : हैरी बावेजा
कलाकार : हरमन बावेजा, प्रियंका चोपड़ा, बोमन ईरानी, अर्चना पूरन सिंह
(राजेन्द्र काण्डपाल,हिंदुस्तान,दिल्ली,17.9.2010)
बढ़िया लगा ...
ReplyDeleteधन्यवाद