लंबे अंतराल के बाद फिल्म प्रेमियों को डोगरी फिल्म मां नी मिलदी देखने का मौका मिलने जा रहा है। यह डोगरी भाषा की पहली कलर फिल्म होगी। इससे पहले वर्ष 1966 में पहली डोगरी फिल्म गलां ओइयां बीतियां बनी थी। 13 अगस्त (शुक्रवार) को अप्सरा थियेटर में रिलीज होने वाली फिल्म की शूटिंग विजयपुर, सांबा, नड, मानसर, बिलाबर और मुंबई में हुई है। फिल्म के बनने में करीब छह महीने का समय लगा। डेढ़ वर्ष के बाद यह रिलीज होने जा रही है। फिल्म में स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलाग अमित चौधरी के हैं। इसका निर्देशन रूप सागर ने किया है। फिल्म के गानों को साधना सरगम और विनोद राठौर ने बोल दिए हैं। उन्होंने पहली बार कोई डोगरी गाना गाया है। फिल्म में मुख्य भूमिका अमित चौधरी, रितु मेहरा, शशि भूषण, सोनिया मेहरा, सुभाष जम्वाल, सपना सोनी, उषा सलाथिया, कर्ण जीत, जनक खजुरिया, रश्मिकांत खजुरिया, राज सिंह जम्वाल, जनक भारद्वाज, राजेंद्र नारंग, संजय शर्मा, टोटा जट्ट, मास्टर पारस, कनव, बेबी पराची वर्षा, पलवी, बंटी मल्होत्रा, मोहन सिंह, सलाथिया, उषा सलाथिया शामिल हैं। फिल्म के मुख्य कलाकार अमित चौधरी की दो भोजपुरी फिल्में रंग भरते गंगा किनार व रंगीला बाबू इन दिनों चल रही हैं। वह पिछले 18 वर्षो से फिल्म उद्योग से जुडे़ हैं। उनके 35 से ज्यादा सीरियल प्रसारित हो चुके हैं। इनमें कुसम, काव्यांजलि, केसर, कुमकुम, कयामत, कभी आए न जुदाई, क्या हादसा क्या हकीकत आदि मुख्य हैं। रविवार को दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अमित ने कहा कि वह दो और डोगरी फिल्मों के सक्रिप्ट पर काम कर रहे हैं। इसमें भी राज्य के कलाकारों को ही मौका मिलेगा। वह चाहते हैं कि डोगरी में अधिक से अधिक काम हो। वहीं, डोगरी संस्था के अध्यक्ष प्रो. ललित मगोत्रा ने कहा कि कई लोगों ने डोगरी फिल्म बनाने के प्रयास किए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अमित ने यह फिल्म बना कर सराहनीय कार्य किया है। यह गौरव की बात है कि डोगरी भाषा में कोई फिल्म रिलीज होने जा रही है। हर डुग्गरवासी का फर्ज बनता है कि वे इस फिल्म को देखे, ताकि फिल्में बनने का सिलसिला जारी रहे। यह फिल्म हिमाचल व पंजाब में भी रिलीज की जा रही है। अगर आज पंजाबी की अलग पहचान है तो उसमें पंजाबी फिल्मों का विशेष योगदान है। जब दूसरी भाषाओं में फिल्में चल सकती हैं तो डोगरी क्यों नहीं?(दैनिक जागरण,जम्मू,9.8.2010)
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