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Friday, April 16, 2010

सिटी ऑफ गोल्ड

महेश मांजरेकर बेहद प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं। कथा, पटकथा, निर्माण, निर्देशन और अभिनय सबके लिए उन्हें पुरस्कार मिल चुके हैं। वास्तव,अस्तित्व और विरुद्ध जैसी यथार्थवादी फिल्में बना चुके महेश सिटी ऑफ गोल्ड से, फिर से निर्देशन में लौट रहे हैं। उनकी यह फिल्म अस्सी के दशक में मुंबई के कपड़ा मिल मजदूरों की दयनीय दशा को दर्शकों के सामने रखेगी।
यह फिल्म 1982 में कपड़ा मिलों में हुई हड़ताल और उसके बाद मुकदमों के अंतहीन सिलसिले पर आधारित है। हड़ताल से तीन लाख से ज्यादा मजदूर प्रभावित हुए थे और उनके आठ लाख से ज्यादा परिजन आज भी उस घटना का दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। जयंत पवार की स्क्रिप्ट पढने के बाद वे इतने व्यथित हैं कि उन्होंने कहा कि वे इसके अलावा वे कुछ और सोच ही नहीं पा रहे हैं। मांजरेकर स्वयं वडाला मे रहे हैं और उन्होंने इन मजदूरों के परिजनों की तकलीफों को बेहद करीब से देखा है।
महेश को नहीं लगता कि तीन दशक पुराने विषय के साथ आज के युवाओं को जोड़ना मुश्किल होगा। उन्हें विश्वास है कि जब जोधा-अकबर और नाजियों पर आधारित हॉलीवुड फिल्म से युवा जुड़ सकते हैं तो तीन दशक पुराने विषय के साथ क्यों नहीं।
खबर है कि कुरुक्षेत्र और वास्तव में आइटम नम्बर कर चुकीं कश्मीरा शाह की इस फिल्म में प्रमुख भूमिका में होंगी। सतीश कौशिक,सीमा विश्वास,करन पटेल,सिद्धार्थ जाधव,रीमा लागू,सचिन खेडेकर,चेतन हंसराज और शिवाजी सतम,अंकुश चौधरी,समीर धर्माधिकारी,अनुषा दांडेकर,वीना झमकार और शशांक शिंदे की भी इस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बतौर निर्देशक महेश की पिछली फिल्म देह(2007) थी। उनका कहना है कि उन्होंने निर्देशन इसलिए छोड़ी कि वे नाच-गानों वाली मुंबईया फिल्मों का ग्रामर समझ नहीं पा रहे थे। पाठकों को ध्यान होगा कि महेश मांजरेकर की फिल्म दबंग की इन दिनों शूटिंग चल रही है जिसमें उनके साथ सलमान,ओमपुरी,डिम्पल,अनुपम खेर,विनोद खन्ना,अरबाज खान और माही गिल प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

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