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Thursday, April 22, 2010

मराठी और भोजपुरीःमिटने लगी दूरी

दो साल पहले मराठी और गैर मराठी के नाम पर भाषाई और क्षेत्रीय जुनून की जो हिंसा महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में नज़र आई थी,उसकी लपटें भोजपुरी फिल्म दिखा रहे सिनेमाघरों तक भी पहुंची थीं, मगर अब हालात बदल रहे हैं। अंधेरी के फन रिपब्लिक में एक मराठीभाषी प्रोड्यूसर नंदा लक्ष्मण शेलार की भोजपुरी फिल्म 'देवर भाभी' के मुहूर्त पर तो यही लगा।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता डॉ. वागीश सारस्वत ने जब इस फिल्म का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सही दिशा में 'दो कदम तुम भी चलो, दो कदम हम भी चलें' की एक नई पहल है, तो लोगों की तालियों से यही आवाज गूंजी कि कटुता मिटने लगी है, दिलों की दूरी घटने लगी है और मौसम आशिकाना होने लगा है।

नंदा लक्ष्मण शेलार के परिवार के लोग एमएनएस और मराठी चित्रपट शाखा से सक्रिय रूप से जुड़े हैं। उन्होंने बताया,'ऐक्ट्रेस के तौर पर मैं फिल्म इंडस्ट्री से लंबे अरसे से जुड़ी रही हूं। सोचा, क्यों न भोजपुरी फिल्म बनाई जाए। आपसी सद्भाव बढ़ेगा और भूमिपुत्र टेक्नीशियनों के लिए रोजगार का अवसर भी।' फिल्म के निर्देशक बी.एन.तिवारी के अनुसार, भाषाई और क्षेत्रीय भावनाओं के कारण यहां दो-तीन साल से भोजपुरी सिनेमा के व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ा था। उम्मीद है, अब अब हालात सुधरेंगे।

इन दिनों कई मराठीभाषी निर्माता जहां भोजपुरी फिल्में बना रहे हैं, वहीं कई उत्तर भारतीय निर्माता मराठी सिनेमा से जुड़ रहे हैं। पेशे से चिकित्सक डॉ. अनिल सक्सेना ने मराठी एक्टर सिद्धार्थ जाधव को हीरो लेकर मराठी फिल्म 'भैरू पहलवान की जै' पूरी कर ली है, जबकि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट के मुम्बई प्रदेश अध्यक्ष तरुण राठी 'मी मराठी' चैनल के लिए मराठी रिऐलिटी शो 'अरे वाह शाबास' तैयार कर शाबासी लूट रहे हैं।

अब वह 'पर्व दुसरा' स्पेशल बना रहे हैं जिसमें 18 से 80 साल की मराठी महिलाएं हिस्सा ले रही हैं। मराठी फिल्म की तैयारी में जुटे तरुण राठी के अनुसार,'भाषा कोई भी हो, फिल्म ऐसी बनाओ जो अच्छी हो और समाज को जोड़ने का काम करे।'

भोजपुरी सिनेमा के महानायक एवं बिहार प्रदेश कांग्रेस के कल्चरल सेल के अध्यक्ष कुणाल सिंह ने कहा,'मराठी और भोजपुरी सिनेमा के बीच सद्भाव जरूरी है। मराठी निर्माता अनिल आचरेकर की भोजपुरी 'तुलसी' में काम करना मेरे लिए सुखद अनुभव रहा। एक-दूसरे के रीति-रिवाजों को जानने का मौका मिला।' तीन दशक से अमिताभ बच्चन के मेकअपमैन दीपक सावंत ने दो भोजपुरी फिल्में 'गंगा' और 'गंगोत्री' बनाईं और अमिताभ तथा हेमामालिनी से काम करवाया। दीपक के मुताबिक, 'भोजपुरी बड़ी मीठी भाषा है। मराठी से इसका कोई विवाद नहीं। राजनीतिक नेताओं से मेरा अनुरोध है कि वे अपना काम यानी समाज सेवा करें और हमें अपना काम यानी जनता का मनोरंजन करने दें।'
(मिथिलेष सिन्हा,नवभारत टाइम्स,19.4.2010)

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