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Monday, April 5, 2010

कल्पना को बचाएगी अमरीकी संस्था

कितनी ही फिल्में खराब रखरखाव के कारण हमेशा के लिए नष्ट हो गई हैं और कई नष्ट होने की कगार पर हैं। इसी ब्लॉग पर पाठकों को सूचित किया गया था कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता तपन सिन्हा की अंकुश समेत सात फिल्मों के प्रिेंट स्थायी रूप से नष्ट हो गए हैं और अब तलाश की जा रही है कि शायद किसी सिनेप्रेमी के पास उन फिल्मों की वीडियो सीडी बची हो। ऐसा ही एक और प्रकरण अपने ज़माने की बहुचर्चित फिल्म कल्पना के बारे में सामने आया है जिसकी अब एक ही कॉपी बची है और वह इतनी खस्ताहाल है कि उसका प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। इस बारे में कल के हिंदुस्तान टाइम्स में एक खबर छपी है।
अखबार लिखता है कि अमरीकी निर्देशक मार्टिन स्कोरसीज के वर्ल्ड सिनेमा फाउंडेशन ने इस फिल्म के प्रिंट को बचाने का जिम्मा उठाने का फैसला किया है। पाठकों को ध्यान दिला दें कि इस फाउंडेशन की स्थापना दुनिया भर की क्लासिक फिल्मों के संरक्षण के प्रयोजन से ही की गई है। दीपा मेहता इस फाउंडेशन की बोर्ड सदस्या हैं।
कल्पना नृत्य विषय पर बनी फिल्म थी जिसमें एक संघर्षरत लेखक फिल्मों में करियर बनाने की कोशिश करता है। यूरोप की आधुनिकतावादी प्रवृत्तियों से प्रभावित इस कॉमेडी-ड्रामा का निर्देशन उदय शंकर ने किया था जिन्हें आधुनिक भारतीय नृत्य के आधार-स्तंभों में गिना जाता है। ठीक पहचाना,ये सितारवादक रविशंकर जी के बड़े भाई ही हैं जिनका 26 सितम्बर,977 को निधन हो गया था।
(चित्र विकीपीडिया से साभार)

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