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Tuesday, April 13, 2010

माया तेरे रूप अनेक

अपने बॉलीवुड को यों ही मायानगरी नहीं कहा जाता। यहां कई प्रतिभाशाली गायक आए और कोरस का हिस्सा बनकर रह गए। कई अभिनेत्रियां आईं तो हीरोईन बनने मगर हीरोईनों के साथ डांस से ज्यादा का अवसर न पा सकीं। दूसरी तरफ हैं वे लोग जिनमें से कोई कंडक्टर था तो कोई खानसामा मगर आज उनके भाव आसमान छू रहे हैं। और तो और,ऐसे स्टार की भी कमी नहीं है जो कहते हैं कि उन्होंने तो फिल्म को अपना करियर बनाने की कभी सोची ही नहीं थी। यह सब तो बस बाई चांस किसी से मुलाकात हुई,ऑफर मिला और हो गया। 10 अप्रैल के नई दुनिया के इंद्रधनुष में ऐसे ही कुछ सितारों का हवाला दिया गया हैः

तो अपने सरकिट मतलब अशरद वारसी ने भी फिल्मों में आने से पहले कई काम किए। आर्थिक तंगी की स्थिति में १७ साल की उम्र में उन्हें एक कॉस्मेटिक कंपनी के लिए डोर-टू-डोर सेल्समैनशिप करनी पड़ी। १८ साल की उम्र में माता-पिता के न रहने से अपने प्रारंभिक दिनों में उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा। बाद में एक फोटोग्राफी लैब के लिए काम किया। इस बीच डांस के लिए उनके पागलपन ने उन्हें मुंबई के अकबर सामी के डांस ग्रुप का हिस्सा बनाया। इसने उन्हें कोरियाग्राफर के तौर पर काम दिलाया। फिर तो मंजिल की तरफ जाने वाले दरवाजे नजर आने लगे। उन्होंने महेश भट्ट के सहायक के तौर पर १९८७ में "ठिकाना" और "काश" के लिए भी काम किया।
अमीषा पटेल भी बस पहुंच ही गईं बॉलीवुड। अमीषा ने मैसेच्युसेट्स (अमेरिका) के टफ्ट्स विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ा। अपने ग्रेजुएशन के बाद खांडवाला सिक्योरिटीज लिमिटेड में इकनॉमिक एनलिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्हें मोरगन स्टेनले की ओर से भी ऑफर मिला था लेकिन वे भारत लौट आईं। यहां लौटकर उन्होंने सत्यदेव दुबे के थिएटर ग्रुप के साथ काम किया। यहां से रास्ता खुला "कहो न प्यार है" के लिए।
अब शर्मिला टैगोर की बेटी सोहा अली को ही ले लें। बैंक में काम करती थीं लेकिन फिल्मों की चकाचौंध ने ऐसा खींचा कि यहां आकर कहने लगीं "दिल मांगे मोर"। फिल्मों में आने से पहले सोहा फोर्ड फाउंडेशन और फिर सिटी बैंक में काम करती थीं लेकिन पहुंचना तो यहां था ना!
सुनील शेट्टी तो बाकायदा स्थापित बिजनेसमैन थे, अजी थे क्या हैं। वे "मिसचीफ" नामक कपड़ों के ब्रांड और होटलों की श्रृंखला के मालिक हैं। साथ ही हाल ही में उन्होंने पॉपकॉर्न इंटरटेनमेंट नामक एक कंपनी शुरू की है जो बॉलीवुड के एक्टरों के विदेशों में शो और कॉन्सर्टों का आयोजन करती है। अब वे यहां कैसे हैं, इसे जाने ही दें।
अक्की बाबा उर्फ अक्षय कुमार की कहानी और भी दूसरी है। ये पंजाबी पुत्तर अमृतसर में पैदा हुए और जल्दी ही परफॉमर और डांसर के तौर पर ख्याति हासिल कर ली लेकिन फिल्म... इससे पहले बहुत पापड़ बेले। मुंबई के डॉन बॉस्को और फिर खालसा कॉलेज में पढ़ने के बाद वे बैंकॉक में मार्शल आर्ट सीखने गए तो शेफ का काम भी किया। मुंबई आने के बाद यहां मार्शल आर्ट सिखाने लगे। यहीं उनके किसी स्टूडेंट जो कि बाद में एक फोटोग्राफर बना, ने उन्हें मॉडलिंग का रास्ता दिखाया। बस फिर तो चल निकली भाई की।
अदिति गोवित्रीकर तो बाकायदा डॉक्टर हैं लेकिन यहां की चमक ने उन्हें ऐसा चौंधियाया कि सब कुछ छोड़-छाड़कर उतर गईं मॉडलिंग की दुनिया में। पहले ग्लैडरेग्स मेगा मॉडल कॉन्टेस्ट में बेस्ट बॉडी और बेस्ट फेस का अवॉर्ड जीता, फिर १९९७ में एशियन सुपर मॉडल कॉन्टेस्ट जीतकर ग्लैमर की दुनिया की हो गईं।
अब इन्हें ही लें । ये हैं बोमन ईरानी । इनके लिए तो फिल्मी दुनिया तक आने का सफर वाकई "जाते थे जापान पहुंच गए चीन" जैसा रहा। १९५७ में मुंबई में जन्मे बोमन ४४ साल की उम्र में "एवरीबडी सेज आय एम फाइन" में एक छोटे-से रोल में आए। फिल्मों में आने से पहले १९८२ से ८५ तक उन्होंने जीवन बीमा निगम में काम किया। कुछ साल उन्होंने आलू की चिप्स का अपना पारिवारिक व्यवसाय भी संभाला। १९८७ में उन्होंने प्रोफेशनल फोटोग्राफी शुरू की, जो १९८९ तक चली। फिर उन्होंने रंगमंच पर एक्टिंग शुरू की। उसके बाद कहीं वे सवार हो पाए फिल्मी रेल पर । हां लेकिन एक्टिंग के प्रति उनका प्यार स्कूल और फिर आगे चलकर कॉलेज में भी रहा।
जॉन अब्राहम ने अपना करियर मीडिया फर्म टाइम एंड स्पेस मीडिया इंटरटेनमेंट प्रमोशन लिमिटेड से शुरू किया था। यह फर्म बंद हो गया। बाद में उन्होंने मीडिया प्लानर के तौर पर इंटरप्राइजेस-नेक्सस के लिए भी काम किया। आखिरकार वे मॉडलिंग के जरिए पहुंच गए हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री।

अपनी पहली ही फिल्म "किसना" में अपने बेहतरीन नृत्य गीत के लिए ख्याति पाई नृत्यांगना ईशा शरवानी के लिए पहली और आखिरी लगन नृत्य है। क्यों न हो उनके माता-पिता ने तिरुअनंतपुरम में "द एकेडमी फॉर आर्ट रिसर्च, ट्रेनिंग एंड इन्नोवेशन" की स्थापना जो की। फिर ईशा सात साल की उम्र से ही अपनी माँ से कल्लरीपयट्टू, कथक और छाऊ नृत्य सीख रही थीं और अब वे दुनियाभर में इसका प्रदर्शन भी कर रही हैं।

अब इन मोहतरमा का तो किस्सा ही निराला है। ये तो पता नहीं कहां जाना चाहती थीं लेकिन पहुंच गईं एक शादी में! जी हां, "लव सेक्स और धोखा" की कलाकार इंदौर की २२ वर्षीय नेहा चौहान को ही लें। फिल्म के बारे में तो उन्होंने सोचा भी नहीं था। दिबाकर बनर्जी (फिल्म के डायरेक्टर) ने उन्हें एक शादी के वीडियो में देखा और उन्हें ऑडिशन के लिए बुला भेजा। बस, हो गया धोखा।

1 comment:

  1. फिल्मी सितारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। स्ट्रगल किया जाए तो मंजिल जरूर मिलती है।

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