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Thursday, March 11, 2010

अजब-गजब अपना बॉलीवुड


हिंदी फिल्मों मे हम जिन दृश्यों को देखने के आदी हो चले हैं और जो तर्क की कसौटी पर कहीं से भी खड़े नही उतरते,ऐसे ही कुछ प्रकरणों पर सत सोनी जी का यह आलेख जैसा फिल्मों मे होता है शीर्षक से आज नई दुनिया के संपादकीय पृष्ठ पर छपा हैः
फिल्म "थ्री इडियट्स" में आमिर खान कुछ वर्षों में ४०० आविष्कार कर डालता है-एक सप्ताह में एक-दो आविष्कार। यानी दुनिया के बड़े से बड़े वैज्ञानिक से भी बड़ा है वह। फिल्म "बागवान" में हेमा मालिनी अपने एक बेटे के घर में छह महीने रहती है। इस दौरान वह वैलेंटाइंस डे (१४ फरवरी) पर अपनी पोती को एक दिलफेंक नौजवान से बचाती है और कुछ दिन बाद करवा चौथ मनाती है जो आठेक महीने बाद आता है।

हमारे फिल्मकार दर्शकों को इडियट समझकर बरसों से ऐसी बेसिर-पैर की बातें दिखाते आ रहे हैं। कुछ सीन तो हर तीसरी- चौथी फिल्म में देखने को मिल जाते हैं। लीजिए, पेश हैं कुछ ऐसे ही सीनः
१. हीरो दस-बीस लोगों को बुरी तरह पीटता है लेकिन किसी के जिस्म से खून का एक कतरा तक नहीं निकलता बल्कि हाथ-पैर तुड़वाने के बाद भी वे उठकर भाग जाते हैं।
२. बंदूक की गोलियां खत्म होने पर हीरो बंदूक को यों फेंक देता है जैसे वह चंद रुपए की हो।
३. गोली लगने के बाद भी हीरो उफ तक नहीं करता बल्कि चलकर अपनी गर्लफ्रेंड के घर पहुंच जाता है लेकिन जैसे ही वह उसके जख्म पर हाथ रखती है, वह चीख उठता है।
४. कई गोलियां खाने के बाद भी बुरी तरह घायल व्यक्ति लंबा-चौड़ा बयान देने के बाद ही मरता है।
५. कारों, ट्रकों आदि पर गोलियां चलाने, बम फेंकने या गाड़ियां आपस में टकराने के बाद वे हवा में उड़कर ही भस्म होती हैं।
६. कार चाहे सीधी सड़क पर ही भागी जा रही हो लेकिन चालक हर कुछ सेकेंड के बाद स्टीयरिंग बाएं से दाएं घुमाता रहता है।
७. हर टाइम बम में रंगीन तार लगे होते हैं और हीरो जानता है कि किस तार को काटने से बम को नाकारा किया जा सकता है।
८. फोन करने पर कभी भी किसी को रांग नंबर नहीं मिलता।
९. टैक्सी या ऑटो को किराया देते समय सवारी न तो पैसे गिनती है और न ही छुट्टा वापस लेती है।
११. कुत्तों को पता रहता है कि बुरा व्यक्ति कौन है।
१२. हर फिल्म में बरसों से बंद हवेली से अजीबो-गरीब आवाजें आती हैं। बंद हवेली में काली बिल्ली, उल्लू और चमगादड़ भी होते हैं।
१३. किसी भी बिल्डिंग के सामने कार खड़ी कीजिए, पार्किंग की जगह मिल ही जाती है।
१४. सड़क पर डांस शुरू होते ही १५-२० लोग आ जाते हैं और हीरो-हीरोइन के साथ कदम से कदम मिलाकर एक सुर और लय में नाचने गाने लगते हैं।
१५. विदेशी जब अकेले होते हैं, तब भी हिंदी में ही बातें करते हैं। वगैरह, वगैरह।

अगली बार आप फिल्म देखने जाएं तो ऐसी बातों पर कतई ध्यान न दें। यदि किसी दोस्त-यार के सामने ऐसे किसी सीन का जिक्र करेंगे तो मेरी तरह आपको भी सुनना पड़ेगा -" फिल्म देखने जाते हो या मीन-मेख निकालने?"

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