प्रड्यूसर : रीमा गुप्ता
डायरेक्टर : अरशद खान
संगीत : ललित पंडित
सेंसर सार्टिफिकेट : यू / ए
अवधि : 127 मिनट
रेटिंग :
है , जिनमें न तो बिकाऊ स्टार्स है और न ही जाने - माने बैनर का सहारा है। ट्रंप कॉर्ड एक ऐसी ही फिल्म है। इसे थ्री इडियट्स के साथ रिलीज होना था , लेकिन किसी वजह से यह उस वक्त रिलीज हो नहीं पाई।
कहानी : फिल्म की कहानी तीन दोस्तों राहुल , राज और वीर की है। इनकी दोस्ती में उस वक्त बदलाव आता है , जब रानी यशोधरा देवी की वसीयत सामने आती है। वसीयत के मुताबिक , रानी की करीब 900 करोड़ की दौलत में इन तीनों का बराबर - बराबर का हिस्सा है। लेकिन इस वसीयत में एक अनोखी बात है। अगर इनमें से कोई एक गायब होता है या मिल नहीं पाता , तो रकम के दो हिस्से होंगे और अगर दो नहीं मिलते तो पूरी रकम इन तीनों में से बचे हुए इंसान को दे दी जाएगी। वसीयत में यह भी है कि अगर ये तीनों ही नहीं मिलते तो पूरी रकम एक एनजीओ चलाने वाले मल्होत्रा को सौंप दी जाएगी।
ऐक्टिंग : सीमित बजट में नई स्टार कास्ट के साथ बनी इस फिल्म में आमिर खान के सौतेले भाई हैदर खान हैं। पूरी फिल्म पंकज , विक्रम और हैदर के आसपास टिकी है और इन तीनों ने बस अपना काम निभा भर दिया है। फिल्म में न्यूकमर उर्वशी चौधरी और मानसी भी हैं। लेकिन दर्शकों को खींचने के लिए इनसे ऐक्टिंग से ज्यादा ब्यूटी परोसने का कॉम्पिटिशन करवा दिया गया है।
डायरेक्शन : शायद फिल्म के डायरेक्टर ने पहले से ही अपनी फिल्म के लिए खास क्लास को टारगेट कर लिया था , यही वजह रही कि उनका पूरा ध्यान सिर्फ और सिर्फ तड़के पर ही रहा।
संगीत : कभी जतिन - ललित की जोड़ी के जतिन पंडित का संगीत कहानी की डिमांड पर फिट बैठता है।
क्यों देखें : अगर वक्त काटने का कोई और विकल्प नहीं है तो चले जाइए।
(चंद्रमोहन शर्मा,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,14.3.2010)
No comments:
Post a Comment
न मॉडरेशन की आशंका, न ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति का इंतज़ार। लिखिए और तुरंत छपा देखिएः