प्रतिरोध के सिनेमा को परदा मुहैया कराने वाला दूसरा नैनीताल फिल्म समारोह 29 से 31 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने सोमवार को बताया कि नैनीताल क्लब के शैले हाल में आयोजित इस तीन दिवसीय समारोह में कुल तीन फीचर और लगभग 15 डाक्यूमेंटरी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। किसी प्रायोजक के सहयोग के बिना आयोजित इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए टिकट या पास की जरूरत नहीं होगी।
यह जन संस्कृति मंच के फिल्म समूह (द ग्रुप) प्रतिरोध के सिनेमा का 15 वां समारोह होगा। इससे पहले ए समारोह गोरखपुर में पांच, लखनऊ में तीन, भिलाई में दो और इलाहाबाद, पटना, बरेली और नैनीताल में एक बार आयोजित किए जा चुके हैं। गिर्दा और निर्मल पांडे की याद में आयोजित इस समारोह में दिखाई जाने वाली फीचर फिल्में बेला नेगी की दाएं या बाएं, परेश कामदार की खरगोश और संकल्प मेश्राम की छुटकन की महाभारत होगी।
समारोह में वसुधा जोशी की तीन डाक्यूमेंटरी फिल्मों अल्मोडियाना, फार माया और वायसेस फ्राम बलियापाल का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा गिर्दा और निर्मल पांडे पर प्रदीप पांडे, मोहन जोशी और प्रदीप दास की लघु फिल्में भी दिखाई जाएंगी। इसमें दिखाई जाने वाली अन्य डाक्यूमेंटरी फिल्में होंगी, संजय काक की जश्ने आजादी, अजय भारद्वाज की कित्ते मिल वे माही, देवरंजन सारंगी की हिन्दू टू हिंदुत्व, अनुपमा श्रीनिवासन की आई वंडर और अजय टी जी की अंधेरे से पहले। फिल्मकारों के साथ सीधे संवाद के अलावा इस समारोह में उत्तराखंड में हाल में हुई प्राकृतिक आपदा पर फोटो पत्रकार जयमित्र बिष्ट की तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी(हिंदुस्तान,25.10.2010)।
यह जन संस्कृति मंच के फिल्म समूह (द ग्रुप) प्रतिरोध के सिनेमा का 15 वां समारोह होगा। इससे पहले ए समारोह गोरखपुर में पांच, लखनऊ में तीन, भिलाई में दो और इलाहाबाद, पटना, बरेली और नैनीताल में एक बार आयोजित किए जा चुके हैं। गिर्दा और निर्मल पांडे की याद में आयोजित इस समारोह में दिखाई जाने वाली फीचर फिल्में बेला नेगी की दाएं या बाएं, परेश कामदार की खरगोश और संकल्प मेश्राम की छुटकन की महाभारत होगी।
समारोह में वसुधा जोशी की तीन डाक्यूमेंटरी फिल्मों अल्मोडियाना, फार माया और वायसेस फ्राम बलियापाल का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा गिर्दा और निर्मल पांडे पर प्रदीप पांडे, मोहन जोशी और प्रदीप दास की लघु फिल्में भी दिखाई जाएंगी। इसमें दिखाई जाने वाली अन्य डाक्यूमेंटरी फिल्में होंगी, संजय काक की जश्ने आजादी, अजय भारद्वाज की कित्ते मिल वे माही, देवरंजन सारंगी की हिन्दू टू हिंदुत्व, अनुपमा श्रीनिवासन की आई वंडर और अजय टी जी की अंधेरे से पहले। फिल्मकारों के साथ सीधे संवाद के अलावा इस समारोह में उत्तराखंड में हाल में हुई प्राकृतिक आपदा पर फोटो पत्रकार जयमित्र बिष्ट की तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी(हिंदुस्तान,25.10.2010)।
No comments:
Post a Comment
न मॉडरेशन की आशंका, न ब्लॉग स्वामी की स्वीकृति का इंतज़ार। लिखिए और तुरंत छपा देखिएः