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Tuesday, October 5, 2010

गोरखपुर में भोजपुरी फिल्म सिटी की स्थापना की पहल

सब कुछ ठीकठाक रहा तो निकट भविष्य में गोरखपुर में भोजपुरी फिल्म सिटी की स्थापना का सपना साकार हो सकेगा। पहली बार इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल हुई है और यह पहल ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जीएस नवीन कुमार ने की है। श्री कुमार का मानना है कि इसकी स्थापना से पूर्वाचल में बेरोजगारों को रोजगार तो मिलेगा ही, इससे यहां की कला-संस्कृति को विशिष्ट पहचान मिलेगी। फिल्म सिटी की रूपरेखा और प्रस्ताव तैयार कर उन्होंने शासन को प्रेषित किया है। इसके लिए भूमि तलाशने का जिम्मा अधीनस्थ अफसरों को सौंपा है। उन्होंने फिल्म सिटी के साथ गोरखपुर विश्वविद्यालय में फिल्म ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट एवं विजुअल कम्युनिकेशन की स्थापना का भी प्रस्ताव तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि पूर्वाचल में उत्तर प्रदेश व बिहार में मिलाकर 15 करोड़ से अधिक की आबादी भोजपुरी भाषियों की है। इसमें लगातार फिल्में बन रही हैं। हालैण्ड में भोजपुरी फिल्म के सुपर स्टार मनोज तिवारी के नाम पर डाक टिकट जारी हो चुके हैं। ब्रिटेन की सरकार ने लंदन में शूटिंग होने वाली भोजपुरी फिल्मों पर 50 फीसदी का आर्थिक प्रोत्साहन देने की बात कही है। यही कारण है कि वहां कई भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग हुई है। जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की कोशिश में जुटे श्री कुमार ने भोजपुरी को लेकर काफी अध्ययन किया है। वे कहते हैं कि लोकप्रियता हासिल करने के बाद भी अभी तक भोजपुरी फिल्मों का स्टूडियो व फिल्म सिटी न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। फिल्म सिटी होती तो यहां के निर्माताओं को मजबूर होकर मुंबई की शरण नहीं लेनी पड़ती। श्री कुमार द्वारा तैयार किये गये प्रस्ताव में शूटिंग के लिए उपयुक्त पूर्वाचल के मनोहारी स्थलों रामगढ़ ताल, वाटर पार्क, रामजानकी सर्किट, सरयू तट पर स्थित विसरा मंदिर, रामामऊ मंदिर, मलांव, सोहगौरा, मुक्तिपथ बड़हलगंज के अलावा महानगर स्थित गीता पे्रस, गोरक्षनाथ मंदिर, सूर्यकुंड धाम, गीता वाटिका, तरकुलहा देवी मंदिर, कुसम्ही जंगल में बुढि़या माई का मंदिर, विनोद वन आदि का उल्लेख किया गया है। साथ ही आसपास के जनपदों के विशिष्ट स्थलों, मगहर स्थित संत कबीर की परिनिर्वाण स्थली, नेपाल की हिमालय श्रृंखला की महत्ता का जिक्र किया गया है। उनके प्रस्ताव के मुताबिक फिल्म सिटी के लिए फिलहाल गीडा और बंद हो चुके फर्टिलाइजर में भूमि उपलब्ध होने की संभावना तलाशी जा रही है(दैनिक जागरण,गोरखपुर,5.10.2010)।

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