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हर साल अरबों रुपए का कारोबार करने वाले हिंदी सिनेमा ने कभी अपने बुजुर्गों की निशानियों से दिल नहीं लगाया। मोहम्मद रफी का मशहूर बंगला उनके बेटे शाहिद ने बेचकर वहां बहुमंजिली इमारत खड़ी कर दी। किशोर कुमार का बंगला बुरे हाल में है। देवआनंद ने खुद अपना बंगला एक बहुमंजिला इमारत बनाने के लिए बेच दिया है। सुनील दत्त के बंगले को भी उनके बेटे संजय दत्त करोड़ों में बेचकर वहां आसमान छूती इमारत खड़ी कर चुके हैं। अब बारी कमालिस्तान की है।
कमालिस्तान स्टूडियो की बाजार के हिसाब के इस वक्त कीमत ६०० करोड़ रुपए बताई जाती है और सूत्रों के मुताबिक इसका सौदा प्रीति जिंटा की पहल के चलते रीयल एस्टेट के तीन बड़े खिलाड़ियों ने मिलकर पटा लिया है। इस सौदे की बड़ी रकम प्रीति जिंटा के पास आने वाली है। हिंदी सिनेमा को "महल", "पाकीजा" और "रजिया सुल्तान" जैसी मशहूर तथा चर्चित फिल्में बनाने वाले कमाल अमरोही ने कमालिस्तान की स्थापना १९५८ में की थी। अभिनेत्री नरगिस की मां जद्दन बाई के यहां काम करने वाली बानो से उनकी पहली शादी हुई। बानो की मौत के बाद कमाल अमरोही की दूसरी शादी महमूदी से हुई जिनसे उनकी तीन संतानें हैं। दो बेटे ताजदार व शानदार और एक बेटी रुखसार। तीसरी शादी उन्होंने मीना कुमारी से की। पहली
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कमालिस्तान स्टूडियो को लेकर कमाल अमरोही की तीनों संतानों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है लेकिन समझा जाता है कि अब इस मामले को लेकर तीनों ने समझौता कर लिया है। तमाम फिल्मों में अपनी डिंपल वाली मुस्कराहट बिखेरती रहीं और क्रिमिनल साइकोलॉजी में स्नातक स्तर का डिप्लोमा करने वाली प्रीति का नाम सबसे पहले कमालिस्तान स्टूडियो विवाद से इस साल की शुरुआत में जुड़ा, जब कमाल अमरोही के बेटे शानदार ने उन्हें अपना कानूनी उत्तराधिकारी घोषित किया। दरअसल, उस वक्त प्रीति जिंटा आईपीएल टीम किंग्स इलैवन में अपना हिस्सा बेचकर उसे रीयल एस्टेट में लगाने के लिए पार्टनर तलाश रही थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात पुणे के एक बिल्डर से हुई। वाडिया ग्रुप के वारिसों में से एक नेस वाडिया से दोस्ती के चलते किंग्स इलैवन में भी प्रीति को करोड़ों की हिस्सेदारी मिल चुकी है(पंकज शुक्ल,नई दुनिया,दिल्ली,21.10.2010)।
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